सार

इजराइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के बीच पड़ोसी देश मालदीव (Maldives) ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ बयान दिया है।

माले/नई दिल्ली। इजराइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के बीच पड़ोसी देश मालदीव (Maldives) ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ बयान दिया है। भारतीय सैनियों को अपने देश से जाने के लिए कहने के बाद मुइज्जू ने दोनों मुल्कों के रिश्तों पर भी विचार करने की बात कही है। मोइज्जू ने कहा है कि वो भारत के साथ पिछले कुछ सालों में हुए समझौतों की समीक्षा करेंगे।

अब तक मालदीव से अच्छे रहे भारत के रिश्ते लेकिन..

बता दें कि मालदीव के साथ भारत के रिश्ते काफी लंबे समय से मजबूत रहे हैं। लेकिन नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का रवैया भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास पैदा कर सकता है। चीन की भाषा बोलने वाले मोहम्मद मुइज्जू चुनाव प्रचार के दौरान से ही भारत के खिलाफ और चीन के पक्ष में बातें करते आए हैं। ऐसे में अब भारत के खिलाफ मालदीव का ये रवैया दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट घोल सकता है।

भारत के सैनिकों को मालदीव छोड़ने की बात कही

मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में राष्ट्रपति पद के लिए जीत हासिल की है। एक इंटरव्यू के दौरान मुइज्जू ने कहा- मैंने भारतीय राजदूत से मिलकर उनसे साफ कह दिया कि हमारे देश में मौजूद भारत के सैनिकों को जाना होगा। मालदीव की जमीन पर हमें कोई विदेशी सैनिक नहीं चाहिए। मैंने मालदीव की जनता से ये वादा किया था और इसे पूरा करूंगा। साथ ही भारत के साथ हुए अब तक के समझौतों की समीक्षा भी की जाएगी।

शुरू से ही भारत के खिलाफ रहीं मुइज्जू की नीतियां

2018 में मालदीव के राष्ट्रपति बने इब्राहिम सालेह ने भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाए थे। उन्होंने चीन नहीं बल्कि भारत के साथ रिश्तों को अहमियत दी थी। हालांकि, मुइज्जू की नीति शुरुआत से ही भारत विरोधी रही है और उसने पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सालेह की इंडिया फर्स्ट पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा कि ये मालदीव की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरनाक है।

जानें क्यों इतना अहम है मालदीव?

हिंद महासागर में स्थित होने की वजह से मालदीव का महत्व काफी बढ़ जाता है। भारत ही नहीं बल्कि चीन भी यहां से हिंद महासागर के एक बड़े हिस्से की निगरानी कर सकता है। यही वजह है कि भारत-चीन दोनों के लिए मालदीव काफी अहमियत रखता है। भारत ने मालदीव में काफी निवेश भी किया है। लेकिन मुइज्जू की जीत के बाद भारत के प्रति मालदीव का रवैया बेहद खराब रहा है।

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