सार

पाकिस्तान के फैसलाबाद में एक ईसाई परिवार पर ईश निंदा का आरोप लगाकर भीड़ ने कई चर्चों में तोड़फोड़ की है और ईसाई बस्तियों पर भी हमला किया है। इस पर अमेरिका ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।

Churches Attack Pakistan. पाकिस्तान के फैसलाबाद के जरनवाला जिले में ईसाई परिवार पर ईश निंदा का आरोप लगाकर भीड़ ने कई चर्चों में तोड़फोड़ की है। इतना ही नहीं भीड़ ने ईसाई बस्तियों को भी निशाना बनाया और जमकर तोड़फोड़ की गई। इस घटना के बाद अमेरिका ने बयान जारी कर कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है। अमेरिका ने इस घटना की गंभीरता से जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने की डिमांड की है।

चर्चों पर हमले को लेकर अमेरिका की चिंता

संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि पाकिस्तान से इस्लाम की निंदा की अफवाहों के बाद चर्चों और ईसाई घरों पर भीड़ ने हमला कर दिया। अमेरिका ने इन हमलों की जांच करने की बात कही है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि हम इस बात से बेहद चिंतित हैं कि पाकिस्तान में कुरान के अपमान की रिपोर्ट के जवाब में चर्चों और घरों को निशाना बनाया गया है। यह बहुत ही गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका स्वतंत्र अभिव्यक्ति का समर्थन करता है। हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी अभिव्यक्ति का कोई स्वीकार्य तरीका नहीं है।

पाकिस्तान में ईश निंदा संवेदनशील मुद्दा

रिपोर्ट्स बताती हैं कि मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में ईश निंदा संवेदनशील मुद्दा है। जहां इस्लाम या इस्लामी हस्तियों का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति को मौत की सजा दी जा सकती है। आलोचकों का कहना है कि इस्लाम के अपमान की अफवाहें अक्सर गैर-मुसलमानों के खिलाफ हिसाब बराबर करने के लिए फैलाई जाती है। ईसाई विरोधी हिंसा दुनिया के पांचवें सबसे अधिक आबादी वाले देश में ताजा घटना है। स्टेट सेक्रेटरी एंटनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री को बधाई दी, वहीं पाकिस्तान की भीड़ ने चर्चों पर हमला कर दिया।

पाकिस्तान में अस्थिरता का दौर जारी

पाकिस्तान की बात करें तो अब तक के सबसे लोकप्रिय नेता इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद पाकिस्तान में राजनैतिक और आर्थिक अस्थिरता का दौर जारी है। महंगाई की वजह से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। लेकिन हिंसक भीड़ भी अपने मंसूबों को अंजाम दे रही है। अब देखना है कि अमेरिका के बयान के बाद पाकिस्तान क्या कदम उठाता है।

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