सार
फंड की कमी के कारण बलूचिस्तान विश्वविद्यालय के शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं और यूनिवर्सिटी के सभी विभागों को बंद कर दिया गया है।
इस्लामाबाद: बलूचिस्तान विश्वविद्यालय (Balochistan University) इस समय कई वित्तीय संकटों का सामना कर रहा है। फंड की कमी के कारण विश्वविद्यालय के सभी विभागों को बंद कर दिया गया है। पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया जंग ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण विश्वविद्यालय के शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान का सबसे पुराना विश्वविद्यालय बेहद संकट में है। हालांकि, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अब्दुल कुद्दुस (Abdul Quddus Bizenjo)बिजेन्जो शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाने का दावा कर रहे हैं।
जंग के मुताबिक विश्वविद्यालय का सालाना खर्च 3 अरब रुपये से ज्यादा है, जबकि विश्वविद्यालय का मौजूदा घाटा 1 अरब रुपये से ज्यादा है। इसका जल्द से जल्द कोई स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है। इस बीच पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया कुदरत ने बताया कि हक दो तहरीक (Give Rights Movement) ने हाल ही में कहा कि बलूचिस्तान राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए नरक बन गया है।
फिलिस्तीन से भी बदतर हुई बलूचिस्तान की स्थिति
हक दो तहरीक के अनुसार मौलाना हिदायतुर रहमान और माहिल बलूच की रिहाई और प्रांत से लापता व्यक्तियों की बरामदगी के लिए पूरे बलूचिस्तान में विरोध रैलियां निकाली जाएंगी। इस दौरान पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और इस सरकार की असंवेदनशीलता की निंदा करने के लिए ईद के मौके पर हाथों पर काली पट्टी बांधी जाएगी।आंदोलन के प्रवक्ता हाफिज कयानी ने कहा कि बलूचिस्तान की स्थिति फिलिस्तीन से भी बदतर है।
जियो न्यूज ने हाल ही में बताया था कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने बलूचिस्तान में सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा लापता होने, आर्थिक बहिष्कार, प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध, कुशासन और राजनीतिक जोड़-तोड़ के आरोपों से संबंधित बढ़ती सार्वजनिक घटनाओं को लेकर अलार्म बजाया है।
पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही है महंगाई
बता दें कि पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से गुजर रहा है। इस कारण देश में काम करने वाले सरकारी कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। हाल ही देश में कई हिस्सों में बिजली कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण खाने -पीने की चीजे भी काफी महगी हो गई हैं।
335 रुपये पर हुई आटे की कीमत
देश में चावल से लेकर मटन तक के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। जिस वजह से जनता को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें पाकिस्तान में एक किलो चावल की कीमत 70 पाकिस्तानी रुपये से बढ़कर 335 रुपये पर पहुंच गई है। वहीं, मटन की कीमत 1400 से 1800 रुपये प्रति किलो और प्याज की कीमत भी 180 रुपये के पार पहुंच गई है। महंगाई के कारण लोग ईद की शॉपिंग नहीं कर पा रहे हैं।