सार

पाकिस्तान में महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। खाद्य सामान की बढ़ती कीमतों के कारण लोग ईद के लिए सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में चावल की कीमत 300 रुपये के पार पहुंच गई है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में महंगाई (inflation in Pakistan) चरम पर है। बढ़ती कीमतों के कारण लोगों को खाने-पीने और दिवाएं खरीदने में दिकक्तों का सामना करना पड़ रहा है। देश में चावल से लेकर मटन तक के दाम काफी ज्यादा बढ़ गए हैं। जिस वजह से जनता को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में एक महीने के रोजे के बाद आने वाली ईद का जश्न फीका पड़ता नजर आ रहा है। बता दें पाकिस्तान में एक किलो चावल की कीमत 70 पाकिस्तानी रुपये से बढ़कर 335 रुपये पर पहुंच गई है। वहीं, मटन की कीमत 1400 से 1800 रुपये प्रति किलो और प्याज की कीमत भी 180 रुपये के पार पहुंच गई है।

रमजान के महीने में महंगाई की मार झेलने के बाद लोगों को ईद-उल -फितर (Eid-ul-Fitr) पर राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। पाकिस्तानी जनता ईद के लिए सामान्य खाद्य पदार्थ खरीदने में असहाय हो रही है। पाकिस्तानी विदेशी मुद्रा (Foreign Exchange Reserves) भंडार की कमी के कारण देश आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। लोगों को आटा, तेल और गैस जैसी रोजमर्रा की जरूरी चीजें खरीदना मुश्किल हो गया है।

ईद के नजदीक आते ही गैस, बिजली और पेट्रोल हुए महंगे

गैस, बिजली, पेट्रोल, और आटा जैसी रोजमर्र के सामान आम आदमी की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) सरकार लोगों समस्या दूर करने पर ध्यान नहीं दे रही है। देश में महंगाई दर आसमान छू रही है।

ईद की खरीदारी नहीं कर पा रहे लोग

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार लोग के लिए शॉपिंग नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि बाजार इन दिनों सूने नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार ने हाल ही में पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी की है, जिससे सामान की कीमतों मे और अधिक बढ़ोतरी होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईद-उल-फितर नजदीक आने के साथ ही देश में बढ़ती महंगाई पर चिंता जताई जा रही है।

महंगाई के कारण खाना नहीं खरीद पा रहे लोग

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बढ़ती महंगाई के कारण पाकिस्तान में लाखों लोगों को खाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हालांकि, रमजान के दौरान कम आय वाले परिवारों पर बोझ कम करने के लिए प्रांतीय सरकारों ने आटे की बोरियों को वितरित करने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन खैबर-पख्तूनख्वा (Khyber-Pakhtunkhwa)के कुछ हिस्सों में असंगठित वितरण के चलते भगदड़ मच गई और पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में कई लोगों की मौत हो गई।

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