सार

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सूडान में फंसे भारतीयों से सरकार संपर्क में है। UN द्वारा युद्धविराम की कोशिश की जा रही है।

न्यूयॉर्क। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच एक सप्ताह से लड़ाई (Sudan War) चल रही है। सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो आमने सामने हैं। डागलो अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के प्रमुख हैं। इस जंग के चलते सूडान में बहुत से भारतीय फंस गए हैं।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने कहा है कि सरकार सूडान में फंसे भारतीयों के संपर्क में है। विदेश मंत्री ने कहा, "दिल्ली में स्थित हमारी टीम सूडान में फंसे भारतीयों से लगातार संपर्क में है। उन्हें सलाह दी जा रही है। हम जानते हैं कि यह हर किसी के लिए बेहद कठिन वक्त है, लेकिन शांत बने रहना होगा। किसी प्रकार का गैरजरूरी खतरा उठाने की जरूरत नहीं है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हमारी कोशिशों का अच्छा फल मिलेगा।"

युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र कर रहा बात
अमेरिका की यात्रा पर आए विदेश मंत्री ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की। इस संबंध में उन्होंने कहा, "हमारी अच्छी बैठक हुई है। हमने सूडान की स्थिति पर चर्चा की। इसके साथ ही G20 और यूक्रेन जंग पर भी बात हुई। संयुक्त राष्ट्र सूडान में युद्धविराम स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह महत्वपूर्ण है। जब तक युद्धविराम नहीं होता है और सुरक्षित गलियारा नहीं बनता है हमारे लिए अपने लोगों को निकालना सुरक्षित नहीं है।"

विदेश मंत्री ने कहा, "सूडान में युद्ध विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा सभी स्टेक होल्डर्स से बात की जा रही है। भारतीय वहां फंसे हुए हैं। इसलिए यह हमारे हित में भी है। इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि डिप्लोमेसी से किस तरह जमीन पर युद्धविराम लागू किया जा सकता है। इसके बाद अपने लोगों को बाहर निकालने के लिए गलियारा बनाना होगा।"

सूडान में फंसे लोगों से संपर्क में है भारतीय दूतावास
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था, “विदेश मंत्रालय सूडान में भारतीय दूतावास के संपर्क में है। हम स्थिति पर बहुत करीबी से नजर रख रहे हैं। वहां की स्थिति बदल रही है। खार्तूम में हमारा दूतावास औपचारिक और अनौपचारिक माध्यमों से भारतीय समुदाय के संपर्क में है। दूतावास ने कई परामर्श जारी किए हैं। नई दिल्ली में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह 24x7 काम कर रहा है।”