सार
4 साल पहले यानी अक्टूबर 2018 में एक छोटा तारा पृथ्वी से 66.5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा (Galaxy) में एक ब्लैक होल (Black Hole) के बहुत करीब पहुंचने पर टुकड़ों में बिखर गया था। हाल ही में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि ब्लैक होल अब प्रकाश की गति की आधी गति से यात्रा करने वाले मटेरियल को बाहर निकाल रहा है।
Black Hole: 4 साल पहले यानी अक्टूबर 2018 में एक छोटा तारा पृथ्वी से 66.5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा (Galaxy) में एक ब्लैक होल (Black Hole) के बहुत करीब पहुंचने पर टुकड़ों में बिखर गया था। हालांकि, यह घटना खगोलविदों के लिए कोई हैरान करने वाली बात नहीं थी, लेकिन चार साल बाद देखने पर वह ब्लैक होल फिर से आसमान में चमकता दिख रहा है। हाल ही में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि ब्लैक होल अब प्रकाश की गति की आधी गति से यात्रा करने वाले मटेरियल को बाहर निकाल रहा है।
ब्लैक होल के व्यवहार को समझने में मिलेगी मदद :
एस्ट्रोफिजिकल (Astrophysical) जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के लेखक और सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के रिसर्च एसोसिएट, यवेटे सेंडेस का कहना है कि हम हैरान हैं। इससे पहले किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं देखा था। उनका कहना है कि इस शोध के नतीजों से वैज्ञानिकों को ब्लैक होल के व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
सेंडेस की टीम ने की बारीकी से जांच :
न्यू मैक्सिको में वेरी लार्ज एरे (VLA) के रेडियो डेटा से पता चला कि जून, 2021 में ब्लैक होल रहस्यमय तरीके से फिर से जीवित हो गया था। सेंडेस और उनकी टीम ने इस घटना की बारीकी से जांच की। टीम ने VLA, चिली की LMA ऑब्जर्वेटरी, दक्षिण अफ्रीका की MeerKAT, ऑस्ट्रेलिया के ऑस्ट्रेलियन टेलीस्कोप कॉम्पैक्ट ऐरे, चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी और अंतरिक्ष में नील गेहरल्स स्विफ्ट ऑब्जर्वेटरी का इस्तेमाल करके प्रकाश की कई वेवलेंथ की जांच करके आंकड़े इकट्ठे किए।
क्या होते हैं ब्लैक होल?
ब्लैक होल अंतरिक्ष में एक ऐसी जगह है जहां ग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण इतना ज्यादा होता है कि प्रकाश भी उससे बाहर नहीं निकल पाता है। ज्यादातर ब्लैक होल अदृश्य होते हैं, जिन्हें विशेष उपकरणों जैसे कि स्पेस टेलीस्कोप की मदद से ही देखा जा सकता है।
ब्लैक होल बनता कैसे है?
ज्यादातर ब्लैक होल एक बड़े तारे के अवशेषों से बनते हैं, जो सुपरनोवा विस्फोट में मर जाते हैं। ब्लैक होल के अंदर जाने के बाद कोई भी उससे बाहर नहीं निकल सकता और वो हमेशा के लिए ब्रह्मांड से गायब हो जाएगा। कहा जाता है कि अगर पृथ्वी ब्लैक होल में समा जाए तो हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा होगा।
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