सार
कम्युनिस्ट पार्टी और सेना पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित करने के बाद, शी जिनपिंग अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसा आरोप लगाया जा रहा है।
'भ्रष्टाचार' आज हर सरकार को खोखला कर रहा है। दुनिया में शायद ही कोई सरकार हो जो इससे पूरी तरह मुक्त हो। अंतर सिर्फ इतना है कि कहीं कम है तो कहीं ज़्यादा। यूनेस्को के 2023 के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में चीन 76वें स्थान पर है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग भ्रष्टाचार मिटाने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं। 2018 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक हज़ारों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्हें रखने के लिए चीन 200 नई जेलें बनाने की तैयारी में है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में 'लियुजी' केंद्र नामक ऐसे केंद्र बनाए जा रहे हैं जहाँ भ्रष्टाचार के संदिग्धों को छह महीने तक बिना परिवार या वकील से मिले रखा जा सकता है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को मज़बूत करने के लिए देशभर में 200 से ज़्यादा नए केंद्र बनाए जा रहे हैं या पुराने केंद्रों का विस्तार किया जा रहा है।
हालांकि, यह भी आरोप है कि 2012 में सत्ता में आने के बाद शी जिनपिंग अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए इन केंद्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, भ्रष्टाचार विरोधी अभियान की आड़ में शी ने चीन में अपनी राजनीतिक पकड़ मज़बूत की है और कम्युनिस्ट पार्टी और सेना पर अपना नियंत्रण बढ़ाया है। शी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के बाद से कम्युनिस्ट पार्टी और सेना के कई बड़े नेता गिरफ्तार होकर जेल जा चुके हैं।
यह नया भ्रष्टाचार विरोधी अभियान कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, सरकारी संस्थानों के प्रबंधकों सहित सभी सरकारी पदों पर बैठे लोगों को निशाना बना रहा है। इन पर नज़र रखने के लिए नई जेलों में 24 घंटे गार्ड और सीसीटीवी कैमरे रहेंगे। रिश्वत लेने के संदेह में व्यापारियों को भी हिरासत में लिया जा सकता है। अरबपति निवेशक बाओ फैन और पूर्व फुटबॉल स्टार ली टाई को भ्रष्टाचार के मामले में 20 साल की सज़ा सुनाई गई है। 2023 के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में भारत 93वें स्थान पर है।