सार
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ नई साजिश रची है। दरअसल, चीन और पाकिस्तान मिलकर जैविक हथियार बनाने में जुटे हैं। इतना ही नहीं इस खतरनाक मंसूबों को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की आड़ में दिया जा रहा है।
इस्लामाबाद. चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ नई साजिश रची है। दरअसल, चीन और पाकिस्तान मिलकर जैविक हथियार बनाने में जुटे हैं। इतना ही नहीं इस खतरनाक मंसूबों को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) की आड़ में दिया जा रहा है। दोनों यह साजिश पिछले 5 साल से चल रही है।
ऑस्ट्रेलिया की सिक्योरिटी एक्सपर्ट एंथोनी क्लान के आर्टिकल में इंटेलिजेंस सोर्स के हवाले से यह खुलासा किया गया है। इसमें कहा गया है कि एंथ्रेक्स जैसे वायरस का इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जाने का खतरा है। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी को इसका जिम्मा सौंपा गया है। वुहान इंस्टीट्यूट कोरोना वायरस के बाद चर्चा में आया।
2015 से चल रही रिसर्च
एंथोनी क्लान की रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान के वैज्ञानिक 2015 से इस खतरनाक वायरस पर रिसर्च कर रहे हैं। इससे पहले पिछले महीने क्लान की रिपोर्ट में दावा किया था कि पाकिस्तान और चीन ने तीन साल की सीक्रेट डील साइन की है। इतना ही नहीं दोनों देशों के वैज्ञानिकों की स्टडी रिसर्च पेपर में भी छपी है। यह स्टडी दिसंबर 2017 से लेकर इस साल मार्च तक की गई। इसमें जानवरों से इंसानों में आने वाले वायरस जूनोटिक पैथाजंस की पहचान और लक्षणों के बारे में बताया गया।
पाकिस्तान ने इस रिसर्च को लेकर वुहान इंस्टीट्यूट को वायरस संक्रमित सेल्स मुहैया कराने के लिए धन्यवाद कहा है। इसमें CPEC के तहत रिसर्च को मिले सहयोग के लिए भी धन्यवाद कहा गया है।
भारत के खिलाफ पाकिस्तान का इस्तेमाल करना चाहता है चीन
दरअसल, चीन भारत से सीधे टकराना नहीं चाहता। ऐसे वक्त में वह पाकिस्तान को हथियार बनाकर साजिश रच रहा है। खास बात यह है कि भारत और पश्चिमी देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियों को इस बारे में जानकारी मिल चुकी है। चीन अपने देश में इन साजिशों को अंजाम नहीं देना चाहता। इसलिए उसने पाकिस्तान की धरती को इस काम के लिए चुना है।