सार
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी सरकार की नीतियों ने आर्थिक बदहाली ऐसी लायी कि इस साल 7 से 8 मिलियन बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड ही दर्ज हो सका है। यह पिछले 85 सालों के इतिहास में सबसे कम जनसंख्या ग्रोथ है।
बीजिंग। चीन में व्यापक मंदी और बेरोजगारी का व्यापक असर लोगों के परिवारिक जीवन पर पड़ रहा है। युवा शादी और बच्चे पैदा करने से परहेज कर रहे हैं। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी सरकार की नीतियों ने आर्थिक बदहाली ऐसी लायी कि इस साल 7 से 8 मिलियन बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड ही दर्ज हो सका है। यह पिछले 85 सालों के इतिहास में सबसे कम जनसंख्या ग्रोथ है। देश में जन्मदर में 40 प्रतिशत की गिरावट पिछले पांच सालों में दर्ज की गई है।
बीते साल से कम इस बार जन्मदर
देश में जन्मदर बीते पांच साल में लगातार गिर रहा है। आंकड़ों के अनुसार, जन्मदर में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। बीते साल 2022 में चीन में करीब 9.56 मिलियन बच्चे जन्म लिए हैं। यह आंकड़ा 42 साल के इतिहास में सबसे कम था। इस साल के शुरूआत में नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने रिलीज किया। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के मुकाबले जनसंख्या प्रोजेक्शन में 850,000 की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, 2020 में रेट में 1.28 की गिरावट दर्ज की गई जोकि 2021 में 1.15 की और गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, इस गिरावट के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सरकार ने बच्चों की संख्या में रिलैक्स कर दिया।
शादी के आंकड़ों में भी गिरावट
सिविल अफेयर्स ब्यूरो ऑफ द कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन ने डेटा रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल मैरिज रेट 5.2 प्रतिशत ही 2022 में रहा। यह बीते 42 साल में सबसे कम रहा। 2023 की पहली तिमाही में 2.107 मिलियन कपल्स ने शादी रजिस्टर्ड कराया। आंकड़ों के अनुसार, इसमें सालाना 1.17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। चीन में शादी की दर साल 2013 के कंपेरिजन में आधी हो गई है।
बेरोजगारी और आर्थिक मंदी से लोग परिवार को नहीं बढ़ा रहे
दरअसल, चीन में बेरोजगारी अपने चरम पर है। बेतहाशा आर्थिक बदहाली की वजह से चीन में आय का साधन बिल्कुल से कम हो गया है। यहां का युवा ऐसी विपरीत परिस्थितियों में आजीविका को लेकर परेशान है। इन स्थितियों शादी और बच्चे पैदा करने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि, चीन में बच्चों की संख्या को लेकर पूर्व में लगाए गए प्रतिबंधों को भी हटा दिया गया है। लेकिन फिर भी जन्मदर लगातार गिर रही है।
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