सार

ब्रिटेन में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के छात्रों ने ‘मैनचेस्टर कैथेड्रल’ के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति लगाये जाने के प्रस्ताव के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। स्थानीय अधिकारियों ने गांधी की मूर्ति लगाये जाने को मंजूरी दी है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने ‘‘गांधी मस्ट फॉल’’ अभियान शुरू किया है।

लंदन. ब्रिटेन में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के छात्रों ने ‘मैनचेस्टर कैथेड्रल’ के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति लगाये जाने के प्रस्ताव के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। स्थानीय अधिकारियों ने गांधी की मूर्ति लगाये जाने को मंजूरी दी है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने ‘‘गांधी मस्ट फॉल’’ अभियान शुरू किया है। विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने मैनचेस्टर नगर परिषद को एक खुले पत्र में शहर के बीचोंबीच महात्मा गांधी की नौ फुट ऊंची कांसे की मूर्ति लगाये जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा है। छात्रों का आरोप है कि अफ्रीका में ब्रिटिश शासन की कार्रवाईयों में गांधी की सहभागिता थी ।

गांधी की यह मूर्ति अगले महीने लगने वाली है
पत्र में कहा गया है कि गांधी ने अफ्रीकियों को, ‘असभ्य’ ‘आधे-अधूरे मूल निवासी’, ‘जंगली’, ‘गंदे’ और ‘पशु जैसे’ के रूप में अपनी कुछ टिप्पणियों में संदर्भित किया था। गांधी की यह मूर्ति अगले महीने लगने वाली है और इसके शिल्पकार राम वी सुतार हैं। संयोग से यह गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष भी है। छात्र संघ की लिबरेशन एवं एक्सेस अधिकारी सारा खान ने नगर परिषद से अनुमति वापस लेने की मांग की है। वहीं, परिषद के प्रवक्ता ने कहा कि गांधी की मूर्ति लगाने का मुख्य मकसद शांति, प्यार और भाईचारे के उनके संदेश का प्रसार करना है।