सार

भारत में 2-18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए COVAXIN के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के बीच चीन से एक खबर आई है। यहां 3-17 साल तक के बच्चों के लिए सिनोवैक बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल को मंजूरी दे दी गई है। ऐसा करने वाला चीन पहला देश बन गया है। हालांकि वैक्सीनेशन कब से शुरू होगा, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है।

बीजिंग. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच चीन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने 3-17 साल तक के बच्चों के लिए सिनोवैक बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल को मंजूरी दी है। भारत में इस समय 2-18 साल की उम्र के बच्चों के लिए तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है। अगर सब ठीक रहा, तो संभावना है कि भारत सबसे कम उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन की तैयारी वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। हालांकि वैक्सीनेशन की शुरुआत कब से होगी, अभी यह जानकारी सामने नहीं आई है।

अभी सिर्फ तीन देशों में 12 से 16 साल के बच्चों के लग रहा टीका
बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर सारी दुनिया चिंतित है। इसी के चलते कई देशों में बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू हो चुका है या ट्रायल चल रहा है। बता दें कि चीन में अभी 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही वैक्सीन लगाई जा रही थी। सूत्रों के अनुसार, चीन की सरकारी कंपनी सिनोफॉर्म ने भी किशोरों के लिए वैक्सीन की अनुमति मांगी है। हालांकि यह कंपनी सिनोवैक की तकनीकी ही इस्तेमाल कर रही है। चीन की एक अन्य कंपनी कैनसीनो बायोलॉजिकल अभी 6-17 साल की उम्र के लोगों के लिए टीका बना रही है। इसकी तकनीक अलग है। अभी इसके दूसरे फेज का ट्रायल चल रहा है। सिनोवैक बायोटेक के CEO यिन वेइदोंग के अनुसार, उनकी वैक्सीन बच्चों में प्रभावी और सुरक्षित पाई गई है। चीन में जून तक 72.3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी हैं। दावा किया जा रहा है कि इस साल के आखिर तक 1.4 अरब की कुल आबादी में सिर्फ 20 प्रतिशत लोग टीकाकरण के लिए बचेंगे।

दुनिया में अभी अमेरिका, यूरोप और ब्रिटेन के अलावा कुछ अन्य देश ही ऐसे हैं, जहां 12 से 16 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।


पटना के बाद अब दिल्ली एम्स में कोवैक्सिन के ट्रायल के लिए स्क्रीनिंग
इधर, दिल्ली एम्स में सोमवार से बच्चों में कोवैक्सिन के ट्रायल के लिए स्क्रीनिंग शुरू हो रही है। इससे पहले अभी पटना के एम्स में बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। पटना एम्स में 3 जून को बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ था। उस दिन तीन बच्चों को वैक्सीन लगाई गई थी। अब यहां 7 और बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। 

हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 2-18 आयु वर्ग में COVAXIN के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी थी। भारत बायोटेक 525 वालंटियर पर ट्रायल करेगी। भारत में वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर की चेतावनी दी थी। वैज्ञानिकों ने बताया था कि इस लहर में बच्चों को संक्रमण का खतरा ज्यादा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि बच्चों के लिए वैक्सीन का सरकार के पास क्या प्लान है।

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