सार
यह पाकिस्तान(Pakistan) के इतिहास(History) में पहली बार होने जा रहा है, जब कोई हिंदू लड़की प्रशासनिक अफसर की कुर्सी पर बैठेगी। ये हैं 27 साल की डॉ. सना रामचंद गुलवानी। इन्होंने सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस (CSS) पास किया था। अब इन्हें नियुक्ति मिलने जा रही है।
इस्लामाबाद. कट्टरपंथी देशों में शामिल पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों (minorities) के हालात किसी से छुपे नहीं हैं। ऐसे में कोई हिंदू लड़की वहां बड़ी अफसर बन जाए, तो हैरानी होती है। लेकिन पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। ये हैं 27 साल की डॉ. सना रामचंद गुलवानी। ये सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस(CSS) का एग्जाम पास करने के बाद अब वहां अफसर बनने जा रही हैं। हालांकि यह एग्जाम उन्होंने मई में ही क्लियर कर लिया था, लेकिन उनकी नियुक्ति पर अब जाकर मुहर लग पाई है। बता दें कि पाकिस्तान का CSS एग्जाम हमारे UPSC जैसा ही है। यानी सबसे कठिन एग्जाम।
CSS के जरिये ही PAS बनते हैं
डॉ. सना CSS क्लियर करने के बाद पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (PAS) के लिए चयनित हुई थीं। सना मूल रूप से शिकारपुर की रहने वाली हैं। सिंध प्रांत का यह जिला पाकिस्तान में सबसे अधिक हिंदू आबादी वाला है। डॉ. अपने ग्रामीण इलाके की MBBS डॉक्टर हैं। उन्होंने सिंध प्रांत के चंदका मेडिकल कॉलेज से डॉक्टरी की पढ़ाई की है। वे CSS एग्जाम पास करने वालीं 221 अभ्यर्थियों(Candidates) में शामिल रही हैं। इसमें 18553 अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिया था। एग्जाम क्लियर करने के बाद डॉ. सना ने खुशी जाहिर करते हुए कहा था-'वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह।" अल्लाह के फजल से मैंने CSS 2020 की परीक्षा पास कर ली है।
79 महिलाओं में शामिल
इस लिस्ट में 79 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें डॉ. सना अकेली हिंदू लड़की हैं। बता दें कि डॉ. सना ने अपने पहले ही प्रयास में यह एग्जाम क्लियर कर लिया था। इस साल इस एग्जाम में सिर्फ 2% कैंडिडेट्स ही सफल हुए थे।
असिस्टेंट कमिश्नर से होगी शुरुआत
प्रक्रिया के अनुसार डॉ. सना की पहली नियुक्ति असिस्टेंट कमिश्नर(assistant commissioner) के रूप में हो सकती है। डॉ. सना ने मीडिया को बताया कि वे अस्पताल में 12 घंटे की ड्यूटी के बाद लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई करती थीं। बता दें कि पाकिस्तान में लड़कियों के उच्च शिक्षा(Higher education) को लेकर आज भी अच्छी स्थिति नहीं है।