सार

एस जयशंकर 12 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक में शामिल हुए यहां उन्होंने कहा कि थाईलैंड और भारत के बीच संबंधों को देखते हुए अच्छा सड़क मार्ग कैसे बनाएं यह सबसे बड़ी चुनौती है। हम लगातार इस पर काम कर रहे हैं। 

 

वर्ल्ड न्यूज। भारत-म्यानमार-थाइलेंड का ट्राइलेटरल हाईवे प्रोजेक्ट में कई परेशानी नजर आ रही है। भारत के विदेश मंत्री एल जयशंकर इस प्रोजेक्ट को काफी मुश्किल बताया है। उन्होंने म्यांमार की स्थिति को परेशानी का कारण बताया। यह भी कहा है कि इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने के लिए नया तरीका सोचना होगा। विदेश मंत्री मेकांग-गंगा सहयोग की 12वीं विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के साथ बिम्सटेक विदेश मंत्रियों के रिट्रीट में शामिल होने यहां पहुंचे थे।

थाईलैंड और भारत के सड़क मार्ग बनाने पर चर्चा
एस जयशंकर ने यहां भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत की। जयशंकर ने इस दौरान थाईलैंड और भारत के बीच सड़क मार्ग स्थापित करने को लेकर चर्चा की. उन्होंने थाईलैंड और भारत के बीच मैत्री संबंध को देखते हुए यहां से भारत तक एक हाईवे तैयार करने का लक्षय है, लेकिन यह काफी मुश्किल कार्य है।  थाईलैंड के साथ सड़क का संपर्क बनाना सबसे बड़ी चुनौती है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं. 

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म्यांमार के रास्ते हे है विकल्प
हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से एक सड़क परियोजना है कि अगर हम म्यांमार के माध्यम से थाईलैंड को सड़क से जोड़ें। लेकिन यह काफी कठिन परियोजना है। खासतौर से म्यांमार की स्थिति के कारण इसमें काफी दिक्कत आ रही है, लेकिन हमारी प्रायरिटी है कि इसे प्रोजेक्ट को दोबारा कैसे शुरू करें। 

क्या है भारत-थाईलैंड-म्यांमार हाईवे प्रोजेक्ट
भारत-थाईलैंड-म्यांमार के बीच 1400 किलोमीटर लंबे हाईवे बनाने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए तीन देश सड़क मार्ग से आपस में जुड़ जाएंगे। हाईवे मणिपुर के मोरेह से शुरू होगा जो म्यांमार से होकर थाईलैंड के माई तक पहुंचेगा। तीन देशों के बीच सड़क मार्ग से आवागमन शुरू होने से व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा व पर्टयन क्षेत्र में भी तीनों देशों को लाभ होगा। प्रोजेक्ट का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सरकार का लक्ष्य था कि दिसंबर 2019 से इस हाईवे को शरू किया जाएगा। लेकिन म्यांमार की स्थिति के कारण इसमें देरी हो रही है।

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इकोनोमिकली भारत सबसे  मजबूत
जयशंकर ने कहा कि भारत-थाईलैंड का रिश्ता काफी पुराना है। हमारे बीच एतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ता है। पिछले करीब 10 सालों में दोनों देशों के रिश्तों ने नए आयाम छुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पर जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया की बाकी अर्थव्यवस्था देखें, तो वे पांच फीसदी से ऊपर नहीं बढ़ पा रही हैं। लेकिन तमाम समस्याओं के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था में सात फीसदी से बढ़ रहा है।