सार
इजराइल-हमास युद्ध के बाद से यहूदियों के बारें में जानने की उत्सुकता लोगों में बढ़ी है। ऐसे में 'ख़तना' की चर्चा भी हो रही है, जो मुसलमानों के अलावा यहूदियों में भी होता है। यह परंपरा सदियों पुरानी है।
Jewish Circumcision : 'खतना' का इतिहास काफी पुराना है। यह मुसलमान और यहूदी धर्म के मानने से भी पहले से चला आ रहा है। 'ख़तना' दुनिया की सबसे पुरानी शल्य प्रक्रियाओं में से एक है। इसका जिक्र प्राचीन मिस्र की परंपराओं में भी मिलता है। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि खतना मुसलमान ही नहीं यहूदी धर्म के लोग भी करवाते हैं। आइए जानते हैं इसका इतिहास और पहली बार यह कब शुरू हुआ...
खतना का इतिहास कितना पुराना
फेमस शिशु सर्जन (Pediatric Surgeon) अहमद अल सलीम की किताब 'ऐन इलस्ट्रेटेड गाइड टू पेडियाट्रिक यूरोलॉजी' में बताया गया है कि खतना की शुरुआत करीब 15,000 साल पहले मिस्र में हुई थी। तब यह परंपरा इतनी ज्यादा व्यापक हुआ करती थी कि अगर कोई लड़का बिना खतने के मिलता था, तो उसे बिल्कुल अजूबे जैसा माना जाता था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र के सैनिक लीबिया के पुरुष ग़ुलामों को सिर्फ इसलिए घर लाते थे ताकि उनके रिश्तेदार बिना खतने वाले गुप्तांगों के देख पाएं।
खतने की शुरुआत कैसे हुई
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझें तो पता चलता है कि खतना प्रक्रिया की शुरुआत इलाज के तौर पर हुई थी। दरअसल, प्राचीनकाल में मिस्र के लोग शल्य चिकित्सा में माहिर हुआ करते थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स और इंटरनेट के मुताबिक, खतना की शुरुआत लड़कों को फिमोसिस बीमारी से बचाने के लिए हुआ था। यह ऐसी बीमारी है, जिसमें पुरुषों के प्राइवेट पार्ट के ऊपर की स्किन काफी ज्यादा टाइट हो जाती है और वह पीछे की ओर नहीं आती। इससे पुरुषों के प्राइवेट पार्ट का विकास सही तरह नहीं हो पाता है। इसकी वजह से कई और समस्याएं भी हो सकती हैं। मिस्र में इसका इलाज खतने से शुरू हुआ और बाद में यह प्रक्रिया परंपरा बन गई। हालांकि, आज खतना इस बीमारी में कितना कारगर है,इसके बारें में एक्सपर्ट्स या डॉक्टर ही बता सकते हैं।
यहूदियों में भी होता है खतना
मिस्र की यह परंपरा मुसलमानों, ईसाईयों और यहूदियों ने भी अपनाई। इतिहास के मुताबिक, हजरत ईसा यानी ईसा मसीह के बाद ईसाइयों में यह परंपरा बंद हो गई। जबकि मुसलमान और यहूदी आज भी इसे अपना रहे हैं। मुसलमानों के खतने के बारें में हर कोई जानता है लेकिन यहूदियों के खतने की जानकारी बहुत ही कम लोगों को है। जब भी किसी यहूदी के घर लड़का पैदा होता है तो 8वें दिन उसका खतना कराया जाता है। यहूदी इसे इब्राहीम भी कहते हैं। खतने वाले दिन जश्न मनाया जाता है।
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