सार
गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प का सच सामने लाना एक चीनी ब्लॉगर को भारी पड़ गया। चीन सरकार के एक्शन के बाद उसे 8 महीने की जेल हुई है। ब्लॉगर ने इस झड़प में 40 चीनी सैनिकों के हताहत होने का खुलासा किया था, जबकि चीन सरकार यह संख्या सिर्फ 4 बता रही थी। मार्च में चीन ने एक नया सुरक्षा कानून पास किया था। चीन के सीना वीबो (Sina Weibo) माइक्रोब्लॉगिंग अकाउंट के ब्लॉगर चाउ जिमिंग (Chou Ziming) इस कानून के तहत सजा पाने वाले पहले व्यक्ति हैं।
बीजिंग. जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई भारत और चीन सैनिकों के बीच खूनी झड़प का सच सामने लाने वाले एक चीन ब्लॉगर को 8 महीने जेल की सजा सुनाई गई है। चीन सरकार के एक्शन के बाद उसे जेल हुई है। ब्लॉगर ने इस झड़प में 40 चीनी सैनिकों के हताहत होने का खुलासा किया था, जबकि चीन सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। चीन सरकार ने ब्लॉगर को चीनी नायकों और शहीदों को बदनाम करने का दोषी माना है।
नए सुरक्षा कानून के तहत सजा पाने वाले पहले व्यक्ति
मार्च में चीन ने एक नया सुरक्षा कानून पास किया था। चीन के सीना वीबो (Sina Weibo) माइक्रोब्लॉगिंग अकाउंट के ब्लॉगर चाउ जिमिंग (Chou Ziming) इस कानून के तहत सजा पाने वाले पहले व्यक्ति हैं। उनके 25 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं। नानजिंग जियानये पीपुल्स कोर्ट ने 38 साल के इस ब्लॉगर को सोमवार को सजा सुनाते समय कहा कि वो अपने इस अपराध के लिए प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफार्म और नेशनल मीडिया पर 10 दिन के अंदर सार्वजनिक माफी भी मांगे। चाउ पहले पत्रकार रह चुके हैं। उनके पास कानून की डिग्री है।
यह लिखा था ब्लॉगर ने
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पीपुल्स डेली अखबार ने कोर्ट की कार्यवाही के बारे में लिखा कि चाउ ने 19 फरवरी को दो पोस्ट की थीं। इसके लिए उन्हें दोषी माना गया। चाउ पर आरोप है कि उन्होंने जवानों की वीरता पर सवाल उठाए। चीन ने माना था कि गलवान घाटी की हिंसा में उसने सिर्फ 4 जवान खोए। जबकि चाउ ने यह संख्या 40 बताई थी। उन्हें 1 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।