सार
MQM के नेता अल्ताफ हुसैन ने कहा है कि भारत सिंध और बलूचिस्तान को पाकिस्तान के कब्जे से आजाद कराए। पाकिस्तानी सरकार और सेना द्वारा किए जा रहे दमन के शिकार यहां के लाखों लोग भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं।
लंदन। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (Muttahida Qaumi Movement) के नेता अल्ताफ हुसैन (Altaf Hussain) ने भारत से अपील की है कि वह सिंध और बलूचिस्तान को पाकिस्तान के कब्जे से आजाद कराए। अल्ताफ हुसैन ने कहा कि सिंध और बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान की सरकार और सेना द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे हैं। दशकों से यहां के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है। लोगों की हत्याएं की जा रही हैं, उन्हें गायब किया जा रहा है।
अल्ताफ हुसैन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन से मेरी मांग है कि वे सिंध और बलूचिस्तान के लोगों को पाकिस्तानी दमन से मुक्ति दिलाएं। भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर इसके लिए कोशिश करें। इन दो क्षेत्रों के लोग दयनीय स्थिति में हैं। वे मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र, ब्रिटेन और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओर देख रहे हैं। इन लोकतांत्रिक देशों को पाकिस्तान के कब्जे वाले इन दो क्षेत्रों के लोगों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार इनकी स्वतंत्रता के लिए अपने प्रभाव और व्यावहारिक समर्थन को अमल में लाना चाहिए।
अल्ताफ ने कहा कि पाकिस्तान की आतंक निर्यात करने वाली सेना ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान की तरह आतंकवादी संगठनों (तालिबान, आईएसआईएस, एलईजे आदि) के लिए एक सुरक्षित पनाहगार में बदल दिया है। इससे क्षेत्र और पूरी दुनिया की शांति पर गंभीर खतरा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले सिंध और बलूचिस्तान के लोगों की मांगों पर चुप्पी पाकिस्तान की सेना को दुनिया भर के लाखों लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने देने के समान होगी।
कौन हैं अल्ताफ हुसैन?
अल्ताफ हुसैन एनक्यूएम के संस्थापक हैं। वह लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। वह लंबे समय से बलूचिस्तान और सिंध के लोगों पर पाकिस्तानी सेना और सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। ब्रिटेन में रहकर वह पाकिस्तान के उत्पीड़ित लोगों के हक की आवाज उठा रहे हैं। भारत के समर्थक माने जाने वाले अल्ताफ के खिलाफ पाकिस्तान सरकार की तरफ से कई मामले दर्ज किए गए हैं।
ये भी पढ़ें
20 साल पहले आज ही के दिन आतंकियों ने संसद पर किया था हमला, अब सुरक्षा के ये हैं इंतजाम
ईरान के खिलाफ UAE-Israel एकजुट, 73 साल में पहली बार इजराइली PM पहुंचे अबुधाबी