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तुर्किये भूकंप: तबाही के बीच उम्मीद की रोशनी बने भारतीय डॉक्टर, देखें 'ऑपरेशन दोस्त' से कैसे मिल रही मदद
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तुर्किये के हताए में भारतीय सेना के 60 पाराफिल्ड द्वारा 30 बेड का हॉस्पिटल शुरू किया गया है। यहां भूकंप प्रभावितों का इलाज किया जा रहा है। इस हॉस्पिटल में 14 डॉक्टर और 86 पारामेडिक्स दिन-रात मरीजों का इलाज और देखभाल कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की भीड़ इलाज के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में जुट रही है। मेजर डॉ बीना तिवारी यहां की महिलाओं और बच्चों के बीच खूब प्रसिद्ध हो गईं हैं।
तुर्किये के हताए के इस्केंडरन में बने भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल में चिकित्सा विशेषज्ञों की भारतीय सेना की टीम 24×7 काम कर रही है। यहां घायलों का इलाज चल रहा है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा था कि बचाव कर्मियों, आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों को लेकर भारत से छठा विमान तुर्की पहुंच गया है।
तुर्किये के नुर्दागी में एनडीआरएफ के जवान चौबीसों घंटे राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं। एनडीआरएफ के जवान कंक्रीट काटकर मलबे में दबे लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं।
तुर्किये के अंताक्या में भी एनडीआरएफ के जवानों द्वारा राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय लोगों की ओर से भारतीय टीम को पूरी मदद मिल रही है।
एनडीआरएफ के जवान राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं। इसमे डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है।
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तुर्किये के हताए में भूकंप प्रभावितों को ठंड में खुले आसमान के नीचे सोना पड़ रहा है। यहां लोगों को ठीक से खाना तक नहीं मिल रहा है। भूकंप के चलते सर्दियों के बीच हजारों लोग बेघर हो गए हैं। लोगों ने सुपरमार्केट कार पार्कों, मस्जिदों, सड़कों के किनारे या खंडहरों के बीच अस्थायी आश्रयों में डेरा डाला है।
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