सार

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को प्रभावी तौर से निरस्त करने के बाद  एक अधिसूचना में भारत का नया नक्शा जारी किया गया है। जिसमे पीओके को भारत का हिस्सा बताया गया है।
 

नयी दिल्ली. जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन के बाद सरकार द्वारा जारी नए नक्शों में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर नवगठित जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश और गिलगित बल्टिस्तान लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा है। गृह मंत्रालय ने भी एक अधिसूचना में भारत का नया नक्शा जारी किया है, जिसमें दोनों केंद्रशासित प्रदेशों को दर्शाया गया है। इसमें पीओके की ‘राजधानी’ मुजफ्फराबाद को देश की भौगोलिक सीमा में दिखाया गया है। नक्शों के अनुसार नए मानचित्र में पीओके जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश का हिस्सा है और गिलगित बल्टिस्तान लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश का हिस्सा है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में करगिल तथा लेह दो जिले हैं और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का शेष हिस्सा नए जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में है।

1947 में थे 14 जिले

इससे पहले पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य में 1947 में कठुआ, जम्मू, ऊधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटरी 14 जिले थे। 2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू - कश्मीर राज्य की सरकार ने इन 14 जिलों के क्षेत्रों को पुनर्गठित करके 28 जिले बना दिए थे। नए जिलों के नाम है - कुपवाड़ा, बांदीपुर, गांदेरबल, श्रीनगर, बड़गाम, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्‍तवाड़, साम्बा और करगिल। इनमें से करगिल जिले को लेह और लद्दाख जिले के क्षेत्र से अलग करके बनाया गया था।

जारी किया है नया नक्शा 

विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने 1947 के लेह और लद्दाख जिलों के बाकी क्षेत्रों के अलावा 1947 के गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और ट्राइबल टेरिटरी जिलों के क्षेत्रों को समावेशित करते हुए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (कठिनाइयों को हटाना) दूसरे आदेश, 2019 द्वारा नए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लेह जिले को परिभाषित किया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा तैयार नक्शों को जारी किया गया है जिनमें 31 अक्टूबर 2019 को सृजित नए जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश और नए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को दर्शाया गया हैं। इसके अलावा भारत का नया नक्शा जारी किया गया है।

मोदी-शाह की देखरेख में हुआ है काम 

विज्ञप्ति में कहा गया है कि संसद की सिफ़ारिश पर राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को प्रभावी तौर से निरस्त कर दिया और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को मंजूरी दी। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में और गृह मंत्री अमित शाह की देख रेख में पूर्ववर्ती जम्मू - कश्मीर राज्य का 31 अक्टूबर 2019 को नए जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश और नए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठन किया गया।