सार

ईरान की मिलिट्री ने स्टेट टीवी को एक बयान जारी कर बताया है कि मानवीय भूल की वजह से उसने एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया। मिलिट्री का कहना है कि विमान ईरान की सेंसिटिव मिलिट्री साइट के पास उड़ रहा था। क्रैश हुए बोइंग विमान में 176 लोग सवार थे। सभी लोगों की मौत हो गई।

बगदाद. ईरान क्रैश हुए बोइंग प्लेन को लेकर नया खुलासा हुआ है। जिसमें ईरान ने विमान क्रैश को लेकर अपनी गलती स्वीकार कर ली है। ईरान का कहना है कि मानवीय भूल की वजह से उसने अपने ही विमान को मार गिराया। इससे पहले ईरान ने कहा था कि विमान में खराबी की वजह से हादसा हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की मिलिट्री ने स्टेट टीवी को एक बयान जारी कर बताया है कि मानवीय भूल की वजह से उसने एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया। मिलिट्री का कहना है कि विमान ईरान की सेंसिटिव मिलिट्री साइट के पास उड़ रहा था।

176 यात्रियों की हुई थी मौत 

क्रैश हुए बोइंग विमान में 176 लोग सवार थे। सभी लोगों की मौत हो गई। यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइन्स के विमान में सवार यात्रियों में सबसे अधिक (82) ईरान के ही थे। ईरान के 82 लोगों के साथ 63 कनाडाई, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफनागिस्तान के 4, जर्मनी के 3 और यूके के 3 लोग सवार थे। बयान में ये भी कहा गया है कि मिलिट्री का ज्यूडिशियल डिपार्टमेंट मामले की जांच करेगा और घटना की जवाबदेही तय की जाएगी। 

जताई गई थी यह आशंका

ईरानी मिलिट्री ने मृतक के परिवार वालों के लिए शोक जताया है। एक मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक एविएशन सेफ्टी एनालिस्ट टोड कर्टिस ने कहा था- 'प्लेन बुरी तरह टुकड़ों में बंट गया था। इसका मतलब है कि या तो हवा में या जमीन पर विमान की भयंकर टक्कर हुई। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हवा में एयरक्राफ्ट की टक्कर किसी बाहरी चीज से नहीं हुई होगी।'

ऐसा समझा जा रहा था कि अमेरिकी ठिकानों पर अटैक के बाद ईरान अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उसे अमेरिका की ओर से हमला किए जाने का डर है। ऐसे में सवाल उठने लगा था कि क्या उसने गलती से बोइंग विमान पर तो अटैक नहीं कर दिया। 

अमेरिका ने किया था दावा 

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को अफसरों के साथ बैठक में आशंका जताई थी कि यूक्रेन का बोइंग-737 ईरानी मिसाइल लगने से ही गिरा है। बैठक में अधिकारियों ने कहा था कि ईरान ने गलती से यात्री विमान पर रूस में बनी दो मिसाइलों से हमला किया।  

विमान को मिसाइल लगने की बात बेतुकी

अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के इन दावों को ईरान ने पहले नकार दिया था। राष्ट्रपति रूहानी की सरकार ने कहा था कि विमान पर मिसाइल लगने की बात बेतुकी है, क्योंकि उस वक्त कई अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमान उसी हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहे थे। ईरान का आरोप था कि यह रिपोर्ट्स मीडिया में उसके खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ने के लिए चलाई गई हैं। 

हादसा तकनीकी खराबी से नहीं हुआ

यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस ने हादसे के ठीक बाद ही इसके पीछे तकनीकी खामी को वजह मानने से इनकार कर दिया था। पायलटों के पास किसी भी आपातकालीन चुनौती से निपटने की क्षमता थी। हमारे रिकॉर्ड्स बताते हैं कि विमान 2400 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। क्रू के अनुभव के लिहाज से गड़बड़ी काफी छोटी रही होगी। हम तो उसे महज इत्तेफाक भी नहीं मान सकते।”