सार

ईरान की जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।

 

स्टॉकहोम। जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई के लिए नोबेल शांति पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है।

अधिकारियों ने शुक्रवार को घोषणा किया कि नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने नर्गेस मोहम्मदी को 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार देने का फैसला किया है। महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और मानवाधिकारों के लिए संघर्ष के चलते नर्गेस मोहम्मदी का चुनाव इस सम्मान के लिए किया गया है।"

 

 

एविन जेल में बंद हैं नर्गेस मोहम्मदी

51 साल की नर्गेस मोहम्मदी ईरान की सबसे प्रमुख मानवाधिकार और महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं। वह "राज्य विरोधी प्रचार फैलाने" के लिए तेहरान की कुख्यात एविन जेल में 10 साल की सजा काट रही हैं। पिछले 30 वर्षों में ईरान की सरकार ने उनकी सक्रियता और लेखन के लिए उन्हें बार-बार जेल में डाला है।

मोहम्मदी पिछले दो दशकों से अधिकतर समय से कैदी हैं। बेजुबानों की आवाज बनने, मौत की सजा और एकांत कारावास के खिलाफ अभियान चलते उन्हें बार-बार सजा सुनाई गई है। वह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने और राज्य के खिलाफ प्रचार के आरोप में 10 साल और 9 महीने की सजा काट रही है। उन्हें 154 कोड़ों की सजा भी सुनाई गई थी। मानव अधिकार समूहों का मानना है कि यह सजा अब तक नहीं दी गई है।

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इस साल इन्हें मिले हैं नोबेल पुरस्कार

  • साहित्य-जॉन फॉसे
  • रसायन- मौंगी जी. बावेंडी, लुईस ई. ब्रूस और एलेक्सी आई. एकिमोव
  • फिजिक्स- पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एन हुलियर
  • चिकित्सा- कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन
  • शांति- नर्गेस मोहम्मदी