सार
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने दुबई में रह रहे मुशर्रफ और पाकिस्तान सरकार की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए विशेष अदालत को 28 नवंबर को फैसला सुनाने से रोक दिया था
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मामले में 17 दिसंबर को फैसला सुनाया जाएगा। एक विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को इसकी घोषणा की। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने दुबई में रह रहे मुशर्रफ और पाकिस्तान सरकार की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए विशेष अदालत को 28 नवंबर को फैसला सुनाने से रोक दिया था। इसके बाद, पिछले सप्ताह विशेष अदालत ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को देशद्रोह मामले में पांच दिसंबर को बयान रिकार्ड कराने के लिए कहा था।
'जियो न्यूज' के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ के नेतृत्व वाली विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बयान जारी किया। नयी अभियोजन टीम के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें मामले की तैयारी के लिए और समय की जरूरत है। 'डॉन न्यूज' के मुताबिक, न्यायमूर्ति शाह ने कार्यवाही 17 दिसंबर तक स्थगित करते हुए कहा कि वे अगली सुनवाई पर दलीलें सुनेंगे और फैसला सुनाएंगे ।
आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मामला
मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मामला चल रहा है। पाकिस्तान की पूर्व मुस्लिम लीग नवाज सरकार ने यह मामला दर्ज कराया था और 2013 से यह लंबित चल रहा है दिसंबर 2013 में उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद 31 मार्च 2014 को मुशर्रफ आरोपी करार दिए गए और उसी साल सितंबर में अभियोजन ने सारे साक्ष्य विशेष अदालत के सामने रखे।
लेकिन, अपीलीय मंचों पर याचिकाओं के कारण पूर्व सैन्य शासक के मुदकमे में देरी हुई और वह शीर्ष अदालतों और गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद मार्च 2016 में पाकिस्तान से बाहर चले गए। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में बताया गया था कि मुशर्रफ एक दुर्लभ किस्म की बीमारी अमिलॉइडोसिस से पीड़ित हैं। इस बीमारी के कारण बची हुई प्रोटीन शरीर के अंगों में जमा होने लगती है। फिलहाल मुशर्रफ इलाज करा रहे हैं।
(फाइल फोटो)