सार
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में बुधवार को केमिस्ट्री के नोबेल प्राइज का ऐलान किया गया। यह पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों को दिया गया है। रसायन शास्त्र का नोबल पुरस्कार पाने वालो में कैरोलिन बेट्रोजी (अमेरिका), मोर्टन मेल्डेल (डेनमार्क) और बेरी शार्पलेस (अमेरिका) हैं।
Nobel Prize in Chemistry 2022: स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में बुधवार को केमिस्ट्री के नोबेल प्राइज का ऐलान किया गया। यह पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों को दिया गया है। रसायन शास्त्र का नोबल पुरस्कार पाने वालो में कैरोलिन बेट्रोजी (अमेरिका), मोर्टन मेल्डेल (डेनमार्क) और बेरी शार्पलेस (अमेरिका) हैं। नोबेल कमेटी के मुताबिक, इन वैज्ञानिकों ने क्लिक केमिस्ट्री को एक नया आयाम दिया है। इसके अलावा बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री में भी इनका रिसर्च भविष्य में चिकित्सा क्षेत्र के लिए नया रास्ता खोलेगा।
अब तक इन कैटेगरी में हुआ नोबेल अवॉर्ड का ऐलान :
2022 के नोबेल पुरस्कारों में अब तक मेडिसिन, फिजिक्स और रसायन शास्त्र के क्षेत्र के पुरस्कारों का ऐलान हो चुका है। मेडिसिन का नोबेल स्वीडन के स्वांते पाबो को मिला है। उन्हें यह प्राइज जीनोम और मानव विकास से संबंधित रिसर्च के लिए दिया गया है। वहीं फिजिक्स का नोबेल एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटोन जिलिंगर को मिला है। बता दें कि नोबेल वीक 10 अक्टूबर तक चलेगा। 7 दिन में कुल 6 प्राइज अनाउंस होते हैं। सबसे आखिर में 10 अक्टूबर को इकोनॉमिक्स कैटेगरी का प्राइज अनाउंस किया जाएगा।
गुरुवार को दिया जाएगा साहित्य का नोबेल :
नोबेल वीक के दौरान गुरुवार को साहित्य क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का ऐलान होगा। इसके बाद नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा। सबसे आखिर में 10 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता का ऐलान किया जाएगा। शांति का नोबेल नार्वे में दिया जाता है, जबकि बाकी नोबेल पुरस्कार स्वीडन में दिए जाते हैं।
नोबल विनर को क्या मिलता है?
नोबल प्राइज के रूप में हर अवार्डी को 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनोर यानी करीब 9 लाख डॉलर मिलते हैं। भारतीय रुपए में ये करीब 7.5 करोड़ रुपए हैं। इसके अलावा विजेता को एक मेडल, एक डिप्लोमा और मोनेटरी अवॉर्ड भी दिया जाता है।
इनकी याद में दिया जाता है नोबल प्राइज?
नोबल पुरस्कार स्वीडन के महान वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है। अल्फ्रेड नोबल की मौत 10 दिसंबर, 1896 को हुई थी। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रखा था। उनकी ख्वाहिश थी कि इस पैसे से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए, जिन्होंने मानव हित के लिए सबसे ज्यादा काम किया है। इसके बाद 1901 से स्वीडन के बैंक में जमा पैसे से मिलने वाले ब्याज से हर साल नोबल पुरस्कार दिया जाने लगा।
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