क्रिकेट की पिच पर कभी विरोधी टीम के छक्के छुड़ाने वाले इमरान खान इस समय अपनी सरकार बचाने के 'खेल' में उलझे हुए हैं। सरकार की नीतियों को लेकर अवाम गुस्से में है। विपक्षी दल एकजुट होकर उन्हें कुर्सी से गिराने की कोशिश में लगे हैं। 9 फरवरी को भी पाकिस्तान में ऐसा ही विरोध देखने को मिला। यह विरोध प्रदर्शन विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट(PDM) ने किया। इनका आरोप है कि इमरान खान सेना की मिलीभगत से सत्ता में आए थे। हालांकि सेना इस मामले में अपना नाम घसीटे जाने को लेकर यही बोल रही कि उसका इन सबसे कोई लेनादेना नहीं। इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। कहा जाता है कि 2018 के चुनाव पाकिस्तान के इतिहास के सबसे बुरे चुनाव रहे। चुनाव से पहले के सर्वे में नवाज शरीफ की पीएमएल-एन पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलते दिख रहा था, लेकिन बहुत कम वोटों के अंतर से इमरान खान की पीटीआई चुनाव जीत गई। नवाज इस समय ब्रिटेन में रह रहे हैं। एक समय ऐसा था, जब इमरान को सारा देश सिर-आंखों पर बैठाता था। आज सब उनसे नाराज हैं।