सार
बलूचिस्तान के शेरानी तहसील में पाकिस्तानी फौज का चेक पोस्ट है। यहां करीब 21 फौजी व पुलिसकर्मी तैनात थे। यह इलाका बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी विद्रोहियों का सबसे मजबूत गढ़ भी है।
Pakistan attack: पाकिस्तान में एक बार फिर सेना पर हमला हुआ है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए इस हमले में कई सैनिक मारे गए हैं। पाकिस्तानी सेना ने 4 फौजियों के मारे जाने की पुष्टि की है। हालांकि, इस हमले में मारे गए सैनिकों की संख्या अधिक बताई जा रही है। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली है। हमला शेरानी तहसील के दानासर क्षेत्र में हुआ है। इस हमले में फौजियों के अलावा पुलिसकर्मियों की भी जान गई है।
कैसे हुआ हमला?
बलूचिस्तान के शेरानी तहसील में पाकिस्तानी फौज का चेक पोस्ट है। यहां करीब 21 फौजी व पुलिसकर्मी तैनात थे। यह इलाका बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी विद्रोहियों का सबसे मजबूत गढ़ भी है। रविवार को इस चेकपोस्ट पर हमला हुआ। बीएलए ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तानी सेना के मुताबिक उसके चार सैनिक मारे गए हैं। कई पुलिसवाले भी इसमें मारे गए हैं। हालांकि, मौतों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है। यह भी नहीं सामने आ सका है कि गोलीबारी में फौजी मारे गए हैं या बम से हमले में। फौज ने दावा किया है कि एक आतंकवादी भी मारा गया है। दो साल पहले भी इस चेकपोस्ट को निशाना बनाया गया था।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा इलाका
दरअसल, बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है। इस इलाके में चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) बनाया जा रहा है। चार साल से सीपीईसी का काम बंद है लेकिन यहां काफी संख्या में चीनी नागरिक मौजूद हैं। पाकिस्तान की फौज इनकी सुरक्षा में जगह-जगह तैनात है। कई जगह चेकपोस्ट बनाए गए हैं। हालांकि, चेकपोस्ट और सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आए दिन हमले होते रहते हैं।
बलूचिस्तान में छह महीने में फौज पर 16 हमले
बलूचिस्तान में पिछले छह महीने में फौज पर 16 हमले हो चुके हैं। इसमें कम से कम 37 सैनिकों व फौज के अधिकारियों की जान जा चुकी है। पाकिस्तान का बलूच लिबरेशन आर्मी 1970 से लगातार सक्रिय है। यह विद्रोही ग्रुप लगातार फौज और पाकिस्तानी संस्थानों पर हमले करता रहता है। एक और आतंकी संगठन तहरीर-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ बलूच लिबरेशन आर्मी हाथ मिला चुका है। इसके बाद दोनों ने हमलों को तेज कर दिया है। इनसे मुकाबला करना पाकिस्तानी आर्मी के लिए काफी मुश्किलों भरा साबित हो रहा है।
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