सार

पाकिस्तान के आर्थिक और राजनैतिक हालातों का असर वहां देखा जा रहा है। भयंकर मंहगाई से पाकिस्तान की जनता जूझ रही है और विदेशी मुद्रा भंडार भी खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है।

Pakistan Economy. पाकिस्तान के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं और न हीं वहां पर राजनैतिक स्थिरता ही बची है। रही-सही कस बेकाबू मंहगाई ने पूरी कर दी है, जिसकी वजह से पाकिस्तान की जनता की कमर ही टूट गई है। लेकिन इसी बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के लिए गुड न्यूज भेजी, जिससे इसकी सेहत में कुछ सुधार हो सकता है। यह पाकिस्तान और वहां की आवाम दोनों के लिए वाकई में अच्छी खबर है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के बारे में क्या कहा

पाकिस्तान इस वक्त अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से करीब 6.7 अरब डॉलर के बेलऑउट पैकेज के लिए बातचीत कर रहा है। इस बीच फिच रेटिंग्स ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी करेंसी का अवमूल्यन करने की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तानी रुपए पर से प्रेशर कम हो गया है। इंटरनेशनल रेटिंग्स संस्था फिच ने कहा कि अब हमें पाकिस्तानी रुपए में बड़े अवमूल्यन की जरूरत नहीं दिखाई देती है।

पाकिस्तानी करेंसी में कितनी गिराटव दर्ज हुई

पाकिस्तानी न्यूज रिपोर्ट्स की मानें तो जनवरी महीने में अधिकारियों की तरफ से मुद्रा का अवमूल्यन करने के बाद पाकिस्तानी रुपए में करीब 20 प्रतिशत की कमी आई है। इस वजह से पाकिस्तानी रुपए ग्लोबल लेवल पर सबसे खराब परफॉर्मेंस करने वाली करेंसी बन चुकी है। हालांकि अब पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर आई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने भी इसे अच्छा बताया है और फिर से लेंडर्स को बेलआउट पैकेज की शुरूआत की जा सकती है।

क्या संभल पाएगी पाकिस्तान की इकॉनमी

पिछले 12 महीने का ही रिकॉर्ड देख लिया जाए तो पाकिस्तान का डॉलर भंडार अभी 4 बिलियन डॉलर पर ही स्थिर बना हुआ है। अर्थव्यवस्था में 50 प्रतिशत की कमी आई है। पाकिस्तान ने सुधार के लिए अरबों डॉलर का कर्ज लिया और अब उसके भुगतान के लिए भी हालात खराब हो चुके हैं। कुल मिलाकर आईएमएफ का बेलआउट पैकेज ही पाकिस्तान के लिए संजीवनी बन सकता है।

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