सार
अमेरिका के पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान F-35 के इंजन में मेड इन चाइना पार्ट मिला है। इसके बाद रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने नए विमान की डिलीवरी पर रोक लगा दी है।
वाशिंगटन। अमेरिका के पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान F-35 को दुनिया के सबसे अच्छे फाइटर प्लेन में गिना जाता है। स्टील्थ (रडार की पकड़ में नहीं आना) की क्षमता इसे खास बनाती है। हालांकि इस विमान में मेड इन चाइना सामान की घुसपैठ हो गई है। अमेरिकी सेना मुख्यालय पेंटागन को जानकारी मिली की F- 35 विमान के इंजन में लगा एक मैग्नेट चीन की सामग्री से बनाया गया है, जिसकी इजाजत नहीं थी।
विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने पाया कि विमान के जेट इंजन का एक पार्ट मेड इन चाइना है। इसके बाद पेंटागन ने नए F- 35 विमान स्वीकार करने पर रोक लगा दी। ज्वाइंट प्रोग्राम ऑफिस के प्रवक्ता रसेल गोमेरे ने कहा कि डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट एजेंसी ने 19 अगस्त को इसके बारे में नोटिस दिया था।
टर्बोमशीन पंप्स में लगा था चीन में बना मैग्नेट
बताया गया था कि F-35 के टर्बोमशीन पंप्स में लगा मैग्नेट चीन में बना था। इसके बाद तुरंत नए F-35 स्वीकार करना बंद कर दिया गया। इन टर्बोमशीन को हनीवेल नाम की कंपनी बनाती है। रसेल गोमेरे ने अपने बयान में कहा कि सावधानी बरतते हुए F-35 की डिलीवरी पर एक अस्थायी रोक लगाई गई है। चीन में बने चुंबक से F-35 की संवेदनशील जानकारी तक पहुंच नहीं होती। वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे F-35 के लिए कोई सुरक्षा समस्या नहीं है।
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विमान को नहीं खतरा
द हिल की रिपोर्ट के अनुसार एफ-35 ज्वाइंट प्रोग्राम ऑफिस ने भी पुष्टि की कि यह हिस्सा पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के उड़ान को प्रभावित नहीं करता है। जो विमान पहले से सेवा में हैं उन्हें कोई खतरा नहीं है। विमान के इंजन में मिला चुंबक सूचना प्रसारित नहीं करता है। इसके चलते विमान की जानकारी लीक होने का खतरा नहीं है। गौरतलब है कि F-35 अमेरिका का प्रमुख लड़ाकू विमान है। एक इंजन वाला यह विमान रडार की पकड़ में नहीं आता। इसका डिजाइन ऐसा है जिससे इसका रडार क्रॉस सेक्शन कम हो जाता है। इसके साथ ही विमान का पेंट और मटेरियर ऐसा है जो रडार द्वारा भेजे गए सिग्नल को सोख लेता है।
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