सार

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि उनका देश कभी 'India Out' एजेंडे पर नहीं चला। उन्होंने कहा कि भारत के साथ उनके मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं और वह जल्द ही भारत यात्रा पर आने वाले हैं।

वर्ल्ड डेस्क। भारत और मालदीव के संबंध पटरी पर आते दिख रहे हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने कहा कि मालदीव कभी 'India Out' एजेंडे पर नहीं चला। मालदीव को अपनी धरती पर विदेशी सेना के होने से "गंभीर समस्या" है। भारत के साथ हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। वह जल्द से जल्द भारत का दौरा करने की योजना बना रहे हैं।

दरअसल, मुइज्जू की पहचान चीन समर्थक की है। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के संबंध बुरी तरह प्रभावित हुए थे। मालदीव की सरकार और सत्ताधारी पार्टी के कई लोगों ने भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक बातें की थी।

मुइज्जू अपनी पार्टी के भारत विरोधी अभियान के दम पर सत्ता में आए हैं। सत्ता संभालने के बाद मुइज्जू सबसे पहले तुर्की फिर चीन गए। इससे पहले सत्ता संभालने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति सबसे पहले भारत की यात्रा करते थे।

मुइज्जू बोले- हम किसी देश के खिलाफ नहीं

सत्ता मिलने के कुछ ही घंटों बाद मुइज्जू सरकार ने आधिकारिक तौर पर भारत से कहा था कि अपने सैनिकों को वापस बुला लें। ये सैनिक मालदीव को गिफ्ट में दिए गए तीन एयरक्राफ्ट ऑपरेट करने में मदद कर रहे थे। इस साल मई में भारतीय सैनिकों की वापसी पूरी हो गई। उनकी जगह एक डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टरों को ऑपरेट करने के लिए नागरिक कर्मियों को रखा गया।

भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर करने पर मुइज्जू ने कहा, "हम कभी भी किसी एक देश के खिलाफ नहीं रहे हैं। यह भारत के बाहर होने जैसा नहीं है। मालदीव को अपनी धरती पर विदेशी सैन्य मौजूदगी के कारण गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा है। मालदीव के लोग देश में एक भी विदेशी सैनिक नहीं चाहते हैं।"

भारत आने की योजना बना रहे हैं मुइज्जू

मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि वह जल्द से जल्द भारत यात्रा की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं जल्द से जल्द (भारत) आने की योजना बना रहा हूं। हमारे बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं।" बता दें कि अगर ऐसा होता है तो यह मुइज्जू की दूसरी भारत यात्रा होगी। इससे पहले उन्होंने जून में पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भारत की यात्रा की थी।

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