सार

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।

मॉस्को। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पांच दिन की यात्रा पर रूस पहुंचे हैं। उन्होंने बुधवार को मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वर्तमान में पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य हैं। स्थायी सदस्य, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन हैं। वहीं, अस्थायी सदस्य बदलते रहते हैं। भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता चाहता है। भारत की मांग है कि दुनिया बदल गई है और संयुक्त राष्ट्र में भी बदलाव लाए जाने चाहिए।

भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है रूस

मॉस्को में जयशंकर के साथ बातचीत के बाद लावरोव ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं। इस साल की शुरुआत में नई दिल्ली में हुआ जी20 शिखर सम्मेलन भारत की विदेश नीति की सच्ची जीत थी। यह बहुपक्षीय कूटनीति की जीत थी। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे भारत ने जी20 घोषणा को एकतरफा बनाने नहीं दिया। यह इस बात का मॉडल है कि जी20, संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में कैसे काम किया जाए।"

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बता दें कि यूक्रेन युद्ध के चलते जी20 के देश एक घोषणापत्र जारी करने पर सहमत नहीं हो रहे थे। 2022 के जी20 शिखर सम्मेलन में ऐसा हुआ था। भारत अपनी अध्यक्षता में G20 सम्मेलन में यूक्रेन पर बिल्कुल अलग-अलग विचारों वाले देशों को एक साथ लाने में कामयाब रहा। घोषणापत्र में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूस की सीधी आलोचना से बचा गया। इसके चलते रूस भी इसपर सहमत हुआ।

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एक घोषणा पर रूस और अमेरिका दोनों को सहमत करना बेहद कठिन था, लेकिन भारत ने इसे कामयाबी से किया। इसके चलते जी20 संयुक्त घोषणा को भारत की महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत बताया जाता है। घोषणा को बिना किसी असहमति के सभी G20 सदस्य देशों से सर्वसम्मति से समर्थन मिला। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन सहित प्रमुख देशों ने जी20 शिखर सम्मेलन की तारीफ की है।