सार

यह तस्वीर कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर जबर्दस्त वायरल हुई थी। तस्वीर यूलिया मेंडल(Iuliia Mendel) ने tweet की थी। वे यूक्रेन के राष्ट्रपति की पूर्व प्रवक्ता(ex Spokesperson) हैं। इसमें लिखा गया कि यूक्रेन की एक मां माकोवी ने अपनी बेटी के शरीर पर नाम, जन्मतिथि, माता-पिता का फोन नंबर लिखा, ताकि उन्हें कुछ हो जाए, बच्ची को मदद मिल सके। अब नई तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि मां-बेटी फ्रांस में सुरक्षित हैं।

वर्ल्ड न्यूज. मासूम बच्ची वीरा की दिल दहला देने वाली तस्वीर(heartbreaking image) इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस तस्वीर ने यूक्रेन में जारी संघर्ष में फंसे माता-पिता की पीड़ा को सामने ला दिया था। फिलहाल, वीरा और उसकी मां फ्रांस के दक्षिण में एक गांव में सुरक्षित हैं। यह गांव फ्रांस में बेज़ियर्स के पास लेस्पिग्नन में है। बता दें कि 33 वर्षीय साशा माकोवी (Sasha Makoviy) ने अपनी दो साल की बेटी की पीठ पर उसका नाम, डेट ऑफ बर्थ और फैमिली का फोन नंबर लिख दिया था, अगर उसके परिवार को रूसी सैनिकों द्वारा मार दिया, तो उसकी बच्ची को अनाथ होने की स्थिति में रूसी सेना अपने कैम्प में ले जा सकती है। साशा ने कहा कि उसकी लिखावट भयानक थी। हाथ कांपने से एक फोन नंबर तक गलत लिख गया था। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध (Russia Ukraine War) को 19 अप्रैल को 55वां दिन है।

भागते-भागते फ्रांस पहुंची मां-बेटी
माकोवी ने बताया कि वे जान चुकी थीं कि उन्हें अपना घर छोड़ना होगा, क्योंकि आक्रमण की शुरुआत में राजधानी कीव शक्तिशाली धमाकों से गूंजने लगी थी। हालांकि माकोवी की 57 वर्षीय मां अन्ना क्लाइमेंको ने कीव में रहने पर जोर दिया था, लेकिन रिश्तेदार चाहते थे कि वो यहां से निकलें। अंत में मां अपनी बेटी को लेकर कीव के दक्षिण-पश्चिम में विन्नित्सिया(Vinnytsia, southwest of Kyiv) के लिए निकले। वहां से सीमा पार करके रोमानिया। ब्रुसेल्स के जरिये फ्रांस पहुंचीं।

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अमेरिकी समाचार चैनल  MSNBC के एक पूर्व विदेश नीति विश्लेषक(foreign policy analyst) रूसी सेना के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेनी सैनिकों में शामिल हो गए हैं। अमेरिकी नौसेना में सेवा दे चुके मैल्कम नैन्स(Malcolm Nance) ने कहा-जिन्होंने पहले  कहा-"जब युद्ध शुरू हुआ, तो मेरे कई दोस्त डोनेट्स्क में थे, वे यूक्रेनी सेना में थे और हमें लिख रहे थे कि शायद वो जीवित नहीं रहेंगे। मैं यहां इस देश को लड़ने में मदद करने के लिए हूं।

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फसलों पर संकट

युद्ध के चलते यूक्रेन के 30% तक खेतो मे बीज नहीं बोये जा सके हैं। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय मामलों की एजेंसी(UN’s humanitarian affairs agency) ने 18 अप्रैल को कहा कि यूक्रेन के एक तिहाई खेत में इस साल गेहूं, जौ, सूरजमुखी और मक्का लगाने के लिए इस्तेमाल नहीं हो पाएंगे। रूस का युद्ध वैश्विक खाद्य तबाही का कारण बन सकता है, क्योंकि खाद्य संकट वाले 55 देशों में से 36 यूक्रेन और रूसी निर्यात पर निर्भर हैं।

मानवीय मदद भेज
चेक गणराज्य ने विन्नित्सिया(Vinnytsia) को 12 टन मानवीय सहायता प्रदान की है। 18 अप्रैल को एक अपडेट में विन्नित्सिया क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन ने कहा कि चेक के लिबरेक क्षेत्र से भेजी गई सहायता में मुख्य रूप से भोजन, पानी, कपड़े, स्वच्छता उत्पाद, गर्म कंबल और दवा शामिल थी।्र

वर्ल्ड बैंक देगा 170 अरब डॉलर सहायता
विश्व बैंक ने यूक्रेन के लिए 170 अरब डॉलर का सहायता पैकेज तैयार किया है। युद्ध के कारण वैश्विक आर्थिक विकास में गिरावट का अनुमान है। 18 अप्रैल को प्रकाशित फॉक्स बिजनेस की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक ने रूस के युद्ध के कारण अपने वार्षिक वैश्विक आर्थिक विकास के अनुमान को 4.1 प्रतिशत से घटाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया है। 170 अरब डॉलर के सहायता पैकेज में से 50 अरब डॉलर कथित तौर पर अगले तीन महीनों में और शेष 120 अरब डॉलर आगामी वर्ष में खर्च किए जाएंगे।

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