सार

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) ने मानव जाति पर एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। यह तस्वीर यूक्रेन के पिपरियात (Pripyat) शहर के पास स्थित चेरनोबिल परमाणु संयंत्र(Chernobyl Nuclear Power Plant) की है। इस प्लांट पर रूसी सेना का कब्जा है। यहां एक बंधक कर्मचारी की बेटी(Ukrainian hostage's daughter warns) ने कहा है कि जिन रूसी कर्मचारियों की देखरेख में अब यह प्लांट है, वे परमाणु सुरक्षा प्रोटोकॉल(nuclear security protocols) के बारे में कुछ भी अता-पता नहीं रखते।

वर्ल्ड न्यूज डेस्क.रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) ने मानव जाति पर एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। यह तस्वीर यूक्रेन के पिपरियात (Pripyat) शहर के पास स्थित चेरनोबिल परमाणु संयंत्र(Chernobyl Nuclear Power Plant) की है। इस प्लांट पर रूसी सेना का कब्जा है। यहां एक बंधक कर्मचारी की बेटी(Ukrainian hostage's daughter warns) ने कहा है कि जिन रूसी कर्मचारियों की देखरेख में अब यह प्लांट है, वे परमाणु सुरक्षा प्रोटोकॉल(nuclear security protocols) के बारे में कुछ भी अता-पता नहीं रखते।

Chernobyl Nuclear Power Plant: दुनिया पर मंडरा रहा एक बड़ा खतरा
यूक्रेन के मीडिया के अनुसार, चेरनोबिल में दोहरा खतरा मंडरा रहा है। पहला यहां जिन रूसी कर्मचारियों की निगरानी में यह न्यूक्लियर पावर प्लांट चल रहा है, वे अज्ञानी हैं। दूसरा पहले ही यूक्रेन कह चुका है कि पुतिन दुनिया को ब्लैकमेल करने की कोशिश में प्लांट पर कथित तौर पर आतंकवादी हमला करा सकते हैं। dailymail.co.uk में छपी एक खबर के अनुसार, यहां के एक बंधक कर्मचारी की बेटी नतालिया रुमेमेले(Natalia Ruemmele) का दावा है कि आमतौर पर 12 घंटे की शिफ्ट में काम करने वाले यहां के कर्मचारी दो हफ्ते से अधिक समय से बंदूकों की नोंक पर परमाणु संयंत्र का रखरखाव कर रहे हैं। क्योंकि रूसी सेना ने साइट पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेनी खुफिया ने पहले ही चेतावनी दी थी कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सैनिकों को चेरनोबिल में एक 'मानव निर्मित तबाही' पैदा करने का आदेश दिया है। यूक्रेनी जासूसों(Ukrainian spies) का कहना है कि यह आतंवादी हमला रूसी गुर्गों द्वारा किया जाएगा, जो आंशिक रूप से नष्ट हुए परमाणु ऊर्जा संयंत्र में सुरक्षा कार्यों को संभालने के लिए बेलारूस द्वारा भेजे गए हैं।

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दुनिया भूल नहीं सकती चेरनोबिल हादसा
यूक्रेन में ज़ापोरीज्ज्या (Zaporizhzhia) परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 6 रिएक्टर हैं। यह पूरे यूरोप में सबसे बड़ा और पृथ्वी पर 9वां सबसे बड़ा रिएक्टर माना जाता है। यह संयंत्र चेरनोबिल शहर से करीब 16 किमी दूर और कीव से 100 किमी की दूर स्थित है। यहां 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा सामने आई थी। 25-26 अप्रैल,1986 के दरमियान तत्कालीन सोवियत-नियंत्रित यूक्रेन में तकनीशियनों के एक समूह ने एक सुरक्षा परीक्षण किया था, जो फ़्लॉप हो गया था। इसके बाद चेरनोबिल के रिएक्टर नंबर 4 में कई धमाके हुए थे। यह अब तक की सबसे बड़ी परमाणु दुर्घटना है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा था। तब पर्यावरण को विकिरण हादसे से बिगड़ने से रोकने के लिए 1.8 करोड़ सोवियत रूबल (वर्तमान करीब 5 खरब भारतीय रुपये खर्च करने पड़े थे। उस समय मिखाइल गोर्बाचेव सोवियत संघ के राष्ट्रपति थे। 2006 में उन्होंने उल्लेख किया था कि चेरनोबिल में न्यूक्लियर हादसा ही शायद सोवियत संघ के पतन की वजह बना।

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17 दिन हुए युद्ध को
बता दें कि 12 मार्च को युद्ध का 17वां दिन है। इस भीषण लड़ाई का असर दुनियाभर पर दिखाई देगा। संयुक्त राष्ट्र(UN officials) के अधिकारियों के अनुसार, यूक्रेन के भीतर अनुमानित 1.9 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं, जो रूस के आक्रमण के बाद देश छोड़कर भाग गए 2.3 मिलियन से अधिक हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक(Stephane Dujarric) ने गुरुवार को कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित अधिकांश लोग पश्चिम की ओर लल्विव( Lviv) की ओर बढ़ रहे हैं। मानवीय स्थिति खतरनाक गति से बिगड़ती जा रही है।

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