सार
श्रीलंका में जारी राजनैतिक संकट के बीच घमासान जारी है। जानकारी मिली है कि श्रीलंकाई प्रेसीडेंट मालदीव पहुंच गए हैं। वहीं भारतीय उच्चायोग उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि भागने में भारत ने मदद की।
कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति बुधवार को पद से इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं आम जनता का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। देश भर में जारी प्रदर्शन ने नेताओं और राजनीतिक दलों को भी संकट में डाल दिया है। जनता का मानना है कि नेताओं की अक्षमता के कारण ही देश की यह हालत हुई है, इसलिए वे हर हाल में सभी नेताओं का इस्तीफा मांग रहे हैं। श्रीलंका में अब तक हुए डेवलपमेंट को इन 10 प्वाइंट से समझें...
- श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़कर जाते हैं फिर से बवाल शुरू हो गया। जिसके बाद श्रीलंका में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय के हवाले से इसकी पुष्टि की गई है। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने ही इमरजेंसी की घोषणा की है।
- श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे मालदीव पहुंच चुके हैं। मालदीव सरकार के प्रतिनिधि ने राजपक्षे को माले के वलेना एयरपोर्ट पर रीसीव किया है। श्रीलंका के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो बाडीगार्ड कोलंबो एयरपोर्ट से मिलिट्री एयरक्राफ्ट से मालदीव निकले थे। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि उनके छोटे भाई व पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे ने भी देश छोड़ दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि श्रीलंकाई प्रेसीडेंट बुधवार को इस्तीफा दे सकते हैं।
- श्रीलंका सेना के अधिकारियों का कहना है कि पिछली रात राजपक्षे ने उनसे एक प्लेन मुहैया कराने का आग्रह किया, जिसके बाद उनके लिए एक एयरक्राफ्ट की व्यवस्था की गई। राजपक्षे अभी भी राष्ट्रपति हैं जिसकी वजह से वे डिफेंस फोर्स के सुप्रीम कमांडर भी हैं। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने भी यह कंफर्म किया है कि राष्ट्रपति देश छोड़ चुके हैं।
- मालदीव पहुंचने के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, उनकी पत्नी और दोनों बाडीगार्ड अज्ञात जगह पर चले गए हैं। पुलिस एस्कार्ट के साथ उन्हें किसी गुप्त स्थान पर ले जाया गया है। माले के एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि उन्हें कहां ले जाया गया है, इसकी जानकारी नहीं है। उधर, श्रीलंका में राजपक्षे के खिलाफ लोगों का आक्रोश चरम पर है।
- भारतीय हाई कमीशन ने उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे व उनके भाई बेसिल राजपक्षे को देश छोड़ने में भारत ने मदद की है। हाई कमीशन ने रीलीज जारी करके सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। भारतीय हाई कमीशन ने ट्वीट किया है कि वे श्रीलंका के लोगों की भलाई के लिए काम करते रहेंगे।
- राष्ट्रपति रहते हुए गोटाबाया राजपक्षे गिरफ्तारीत से बचे हुए हैं क्योंकि उन्हें सुप्रीम पावर मिली हुई है। माना जा रहा है कि स्टेप डाउन करने से पहले वे किसी और देश में शरण ले सकते हैं। ताकि उन्हें गिरफ्तार न किया जा सके।
- राष्ट्रपति राजपक्षे ने बुधवार 13 जुलाई 2022 को इस्तीफा देने की घोषणा की है ताकि पावर के शांतिपूर्ण हस्तांतरण पूरा किया जा सके। वहीं श्रीलंका की राजनैतिक पार्टियों ने सर्वदलीय सरकार बनाने पर सहमति जताई है और माना जा रहा है कि 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चयन कर लिया जाएगा।
- इससे एक दिन पहले यानि मंगलवार को गोटाबाया राजपक्षे व उनके भाई बेसिल राजपक्षे को सुबह-सुबह कोलंबो एयरपोर्ट से लौटना पड़ा था क्योंकि डर था कि गुस्साई जनता कहीं उन पर हमला न कर दे। कारण यह कि अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है, लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
- प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी यह घोषणा कर दी है कि इस्तीफा दे रहे हैं ताकि देश में नई सर्वदलीय सरकार के गठन का रास्ता साफ हो सके। वहीं पब्लिक ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा जमा लिया है। जबकि प्रधानमंत्री आवास पर भी धावा बोला गया था।
- श्रीलंका में विदेशी मुद्रा का भंडार लगभग खत्म हो चुका है, यही कारण है कि विदेश से जरूरी सामानों की आपूर्ति ठप हो गई है। हालात यह है कि विदेश से सामान नहीं आ रहा है जिसकी वजह से यहां की 22 मिलियन आबादी संकट के दौर से गुजर रही है।
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