सार
भारत ही नहीं इस वक्त चीन के ताइवान, हॉन्गकॉन्ग, अमेरिका और ऑस्टेलिया जैसे देशों से भी विवाद चल रहे हैं। इसी बीच खबर आ रहा है कि ताइवान ने चीन के एक फाइटर जेट को मार गिराया है। दावा किया जा रहा है कि चीनी सुखोई-35 विमान ताइवान के एयर स्पेस में घुसा था, इसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम से मार गिराया गया है।
ताइवान. भारत ही नहीं इस वक्त चीन के ताइवान, हॉन्गकॉन्ग, अमेरिका और ऑस्टेलिया जैसे देशों से भी विवाद चल रहे हैं। इसी बीच खबर आ रहा है कि ताइवान ने चीन के एक फाइटर जेट को मार गिराया है। दावा किया जा रहा है कि चीनी सुखोई-35 विमान ताइवान के एयर स्पेस में घुसा था, इसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम से मार गिराया गया है। हालांकि, अभी चीन ने इस खबर को गलत बताया है। वहीं, ताइवान की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवान ने कई बार चीनी विमान को चेतावनी दी थी, लेकिन जब विमान वापस नहीं गया तो ताइवान की ओर से अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम पेट्रियाट से इसे मार गिराया गया। बताया जा रहा है कि विमान का पायलट घायल हो गया है। अगर यह घटना सच साबित होती है, तो दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति भी बन सकती है।
जख्मी हुआ पायलट
ताइवान के खिलाफ आक्रामक रवैया अपना रहा चीन
चीन ताइवान को अकसाने वाली कार्रवाई कर रहा है। यहां तक की कई बार चीनी विमान ताइवान के एयरस्पेस में घुस चुका है। वही, ताइवान भी अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने में जुटा है। ताइवान ने नेवी और एयरफोर्स को भी अलर्ट पर रखा है। रिजर्व सैन्य बलों के लिए भी कई ऐलान किए गए हैं।
क्या है ताइवान विवाद?
ताइवान आधिकारिक तौर पर रिपब्लिक ऑफ चाइना नाम से जाना जाता है। यह चीन के दक्षिणी तट में स्थित एक द्वीप है। ताइवान 1949 से स्वतंत्र रूप से शासित है। वहीं, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना इसे एक प्रांत मानती है। जबकि ताइवान में लोकतांत्रिक रूप से सरकार चुनी जाती है। इस क्षेत्र की आबादी 2.3 करोड़ है।
ताइवान और चीन के बीच स्थिति को लेकर काफी असहमति है। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का दावा है कि वह एक चीन सिद्धांत को मानता है और ताइवान उसका हिस्सा है। चीन का कहना है कि ताइवान 1992 में हुए समझौते से बंधा है। यह समझौता चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और ताइवान की तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कुओमिनतांग के बीच हुआ था।
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन।
ताइवान ने खारिज किया वन चाइना, टू सिस्टम
1992 की आम सहमति के आधार पर समझौता यह है कि ताइवान स्वतंत्रता नहीं मानेगा। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने इस समझौते को सिरे से खारिज कर दिया।