सार

अमेरिका का अफगानिस्तान में सैन्य मिशन 31 अगस्त को पूरा हो रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि 20 साल के बाद अपने पूरा लक्ष्य को पूरा करते हुए यह मिशन पूरा हो रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह थोड़ा सा मुश्किल है कि काबुल से ही पूरा देश को नियंत्रित किया जा सके। राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि यथास्थिति भी कोई विकल्प नहीं है। लेकिन मैं फिर से अमेरिकी सैनिकों की एक पीढ़ी को अफगानिस्तान में युद्ध के लिए नहीं भेज सकता। उन्होंने कहा कि अफगान के लोगों को अपना भविष्य स्वयं तय करना है।

मॉस्को। अफगानिस्तान में तालिबानी चरमपंथियों का नियंत्रण और आतंक बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर प्रेसिडेंट जो बिडेन के बचाव किए जाने के बाद तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया कि अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है। तालिबानी प्रवक्ता के अनुसार अफगानिस्तान के 398 जिलों में 250 पर नियंत्रण है। इसमें पड़ोसी देशों से लगी सीमाएं भी शामिल है। दावा है कि इस्लाम कला बार्डर भी पूर्ण रूप से उनके लड़ाकों ने सीज कर दिया है। 

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एएफपी को बताया कि इस्लाम कला सीमा हमारे पूर्ण नियंत्रण में था, जबकि काबुल में सरकारी अधिकारियों ने कहा कि यहां लड़ाई चल रही थी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने बताया, ‘सीमावर्ती इकाइयों सहित सभी अफगान सुरक्षा बल क्षेत्र में मौजूद हैं और साइट पर फिर से कब्जा करने के प्रयास जारी हैं।‘

31 अगस्त को पूरा होगा अमेरिका का सैन्य मिशन

अमेरिका का अफगानिस्तान में सैन्य मिशन 31 अगस्त को पूरा हो रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि 20 साल के बाद अपने पूरा लक्ष्य को पूरा करते हुए यह मिशन पूरा हो रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह थोड़ा सा मुश्किल है कि काबुल से ही पूरा देश को नियंत्रित किया जा सके। राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि यथास्थिति भी कोई विकल्प नहीं है। लेकिन मैं फिर से अमेरिकी सैनिकों की एक पीढ़ी को अफगानिस्तान में युद्ध के लिए नहीं भेज सकता। 
उन्होंने कहा कि अफगान के लोगों को अपना भविष्य स्वयं तय करना है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि पूरे देश को एकीकृत रख सके ऐसी सरकार फिलहाल मुश्किल है। 

अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद स्थितियां और खराब हो सकती

उधर, तालिबान ने हाल के सप्ताहों में उत्तरी अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से को तबाह कर दिया है। हर जगह वह नियंत्रण की कोशिश में हैं। 
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि सरकार स्थिति को संभाल सकती है, लेकिन स्वीकार किया कि आगे मुश्किलें हैं।
उन्होंने कहा कि सेना की वापसी से तालिबान का हौसला बढ़ा है और सरकार के साथ शांति वार्ता के गतिरोध के साथ, एक पूर्ण सैन्य जीत के लिए दबाव डाला जा रहा है।