- Home
- World News
- Peshawar Blast में 100 पुलिसवालों की मौत, सबसे बड़ा सवाल- 4 लेयर हाई सिक्योरिटी के बीच अंदर कैसे गया TTP का आत्मघाती हमलावर
Peshawar Blast में 100 पुलिसवालों की मौत, सबसे बड़ा सवाल- 4 लेयर हाई सिक्योरिटी के बीच अंदर कैसे गया TTP का आत्मघाती हमलावर
- FB
- TW
- Linkdin
पेशावर. पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार (30 जनवरी) दोपहर हुए आत्मघाती बम ब्लास्ट (Pakistan Bomb Blast) में मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। वहीं, 50 से अधिक घायल हैं। पाकिस्तान के अशांत पश्चिमोत्तर पेशावर शहर के हाईसिक्योरिटी वाले क्षेत्र में दोपहर की नमाज के दौरान नमाजियों से खचाखच भरी एक मस्जिद में तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। आशंका जताई जा रही है कि हमलावर ब्लास्ट से पहले पास में बने पुलिस के क्वार्टर में रह रहा होगा। पुलिस लाइंस इलाके में मस्जिद के अंदर दोपहर करीब 1.40 बजे शक्तिशाली विस्फोट हुआ था, जब नमाजी (जिसमें पुलिस, सेना और बम निरोधक दस्ते के कर्मी शामिल थे) जोहर (दोपहर) की नमाज अदा कर रहे थे। आगे पढ़िए बाकी की डिटेल्स..
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अगली लाइन में नमाजियों के बीच बैठे हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था, जिससे छत टूटकर नमाजियों पर गिर गई। राजधानी शहर के पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ) पेशावर मुहम्मद इजाज खान ने कहा कि विस्फोट के समय इलाके में 300 से 400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे। हालांकि उन्होंने मीडिया से कहा, "यह स्पष्ट है कि सुरक्षा में चूक हुई है।"
मृतकों में पांच सब इंस्पेक्टर और मस्जिद के प्रार्थना प्रमुख मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल हैं। लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने कहा अभी भी 50 से अधिक लोग घायल हैं। पाकिस्तान में तालिबान कहे जाने वाले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा कि यह पिछले अगस्त में अफगानिस्तान में मारे गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरासानी के बदले में किए गए हमले का हिस्सा था।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि विस्फोट के बाद मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया और इसके नीचे कई लोग दब गए। रेस्क्यू ऑपरेशन इंचार्ज बिलाल फैजी ने घटना के बाद कहा था, "हम वर्तमान में बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालना है।"
हमलावर पुलिस लाइन के अंदर अत्यधिक सुरक्षित मस्जिद में घुस गया था, जहां फोर लेयर सिक्योरिटी थी। प्रांतीय पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि वे विस्फोट की जांच कर रहे हैं और यह भी कि हमलावर अत्यधिक किलेबंद मस्जिद में कैसे घुसा? अंसारी ने आशंका व्यक्त की कि बम विस्फोट से पहले हमलावर पुलिस लाइन में रह रहा होगा, क्योंकि पुलिस लाइन के अंदर परिवार के क्वार्टर भी हैं।
पेशावर पुलिस, काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD), फ्रंटियर रिजर्व पुलिस (FRP), एलीट फोर्स और दूरसंचार विभाग का मुख्यालय भी विस्फोट स्थल के पास स्थित है। प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर राहत और बचाव अभियान की समीक्षा करने के लिए पेशावर पहुंचे। सेना प्रमुख के साथ प्रीमियर ने पेशावर में लेडी रीडिंग अस्पताल का भी दौरा किया और घायलों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधान मंत्री ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई, जहां प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश की गई।
प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए आईजीपी अंसारी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि हमलावर कहां से आया था और वह पुलिस लाइन में कैसे घुसा? एसपी (इन्वेस्टिगेशन) पेशावर शाज़ाद कौकब (जिनका कार्यालय मस्जिद के करीब है) ने मीडिया को बताया कि विस्फोट तब हुआ, जब वह नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में दाखिल हुए थे। उन्होंने कहा कि वह सौभाग्य से हमले में बाल-बाल बच गए।
खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने विस्फोट की निंदा की और लोगों से घायलों के लिए रक्त दान करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह पुलिस के लिए एक बड़ा एहसान होगा। पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। अस्पताल ने नागरिकों से पीड़ितों के लिए रक्तदान करने की अपील की है।
पेशावर विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस्लामाबाद में, राजधानी शहर के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। महत्वपूर्ण बिंदुओं और इमारतों पर स्नाइपर तैनात किए गए हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने मंगलवार को एक दिन के शोक की घोषणा की।
प्रधान मंत्री शरीफ ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि घटना के पीछे हमलावरों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। पीएम ने कहा, "आतंकवादी पाकिस्तान की रक्षा करने का कर्तव्य निभाने वालों को निशाना बनाकर डर पैदा करना चाहते हैं। हमने संकल्प लिया कि विस्फोट पीड़ितों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। आतंकवाद के खतरे के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।"
पीएम ने यह भी कहा कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक रणनीति अपनाई जाएगी। संघीय सरकार प्रांतों को उनकी आतंकवाद विरोधी क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा, "स्थानीय और आम चुनावों से पहले आतंकवादी घटनाएं चिंताजनक हैं।"