सार

तालिबान ने ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी Cpharm से डील फाइनल होने का दावा किया है। डील अफगानिस्तान में गांजा प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है। तालिबान ने गांजे के व्यापार को कानूनी मान्यता देने की बात कही है।

काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद यहां की स्थितियां बद्तर होती जा रही है। आर्थिक बदहाली चरम पर है तो आतंकी गतिविधियां भी बढ़ती जा रही हैं। तालिबान की आंतरिक सरकार ने अब गांजा से पैसे कमाने का मन बनाया है। तालिबान का दावा है कि वह आस्ट्रेलिया (Australia) की एक कंपनी को गांजा सप्लाई करेगा। यह कंपनी इसकी दवाइयों में उपयोग करेगी। हालांकि, कंपनी ने इस दावे को खारिज करते हुए किसी करार से इनकार किया है।

आस्ट्रेलिया के सी-फार्मा से डील का दावा

तालिबान ने ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी Cpharm से डील फाइनल होने का दावा किया है। डील अफगानिस्तान में गांजा प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ी हुई है। तालिबान ने गांजे के व्यापार को कानूनी मान्यता देने की बात कही है। तालिबान के आतंरिक मंत्रालय के प्रवक्ता क्वारी सईद खोस्टी ने कहा कि डील फाइनल हो चुकी है और इसपर कुछ ही दिनों में काम शुरू किया जा सकता है। खोस्टी ने कहा कि कंपनी तैयार किये गये गांजे का इस्तेमाल मेडिसीन बनाने के लिए करेगी। गांजे के लिए हजारों एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। 

कंपनी से प्रोडक्शन और संरक्षण के लिए डील

गांजे का उत्पादन और उसके संरक्षण को लेकर Cpharm से कानूनी डील होगी। लेकिन Cpharm ने तालिबान के दावे को खारिज कर दिया है। कंपनी ने कहा कि गांजे को लेकर कोई करार नहीं हुआ है। 

Cpharma की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है, 'हमें जानकारी मिली है कि हमारी कंपनी तालिबान के साथ गांजे को एक क्रीम में इस्तेमाल करने की किसी तरह की डील में शामिल है। हमसे दुनिया कि कई मीडिया संस्थानों ने इस संबंध में संपर्क किया है।' कंपनी की तरफ से आगे कहा गया है कि वो ना तो कोई चीज बनाएंगे और ना ही किसी चीज की सप्लाई करेंगे।

कंपनी की तरफ से कहा गया है कि हम ऑस्ट्रेलिया में फार्मा इंडस्ट्री को चिकित्सीय सलाह उपबल्ध कराते हैं। हमारा तालिबान या गांजे से कोई कनेक्शन नहीं है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि उन्हें नहीं पता कि तालिबान मीडिया की तरफ से कही जा रही डील की बातें कहां से आ रही हैं।

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