सार

यमुना प्रदूषण पर दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का आंकड़ा जारी किया है। इसके मुताबिक, प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ता जा रहा है।

यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली की राजनीति गर्माई हुई है। आरोप प्रत्यारोपों के बीच तथ्य ये है कि यमुना दिल्ली में दाखिल होने तक साफ होती है और जब यहाँ से निकलती है तो उसका पानी बेहद प्रदूषित हो जाता है। भाजपा नेताओं ने आम आदमी पार्टी सरकार पर यमुना की सफाई में लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद हरियाणा सरकार ने कानूनी कार्रवाई की है। सोनीपत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने केजरीवाल को नोटिस जारी कर 17 फरवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आरोपों को किया खारिज

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए यमुना का पानी पीकर यह साबित कर दिया कि पानी में कोई जहर नहीं है। उन्होंने कहा, “यमुना के पानी की जांच की गई है और उसमें किसी भी प्रकार का जहर नहीं पाया गया है।

 

 

प्रदूषण का स्तर ले रहा खतरनाक रूप

यमुना नदी, जो हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करती है। दिल्ली में आने के बाद यमुना तेजी से प्रदूषित होती जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में नदी के प्रवेश बिंदु पल्ला पर बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) का स्तर 2 मिलीग्राम प्रति लीटर है, जबकि अमोनिया का स्तर 5.5 मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज किया गया है। लेकिन जैसे-जैसे यमुना नदी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरती है, प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ता जा रहा है।

वज़ीराबाद में BOD का स्तर 7 मिलीग्राम प्रति लीटर हो जाता है, जबकि आईएसबीटी ब्रिज पर यह आंकड़ा 47 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच जाता है। आईटीओ ब्रिज और ओखला बैराज में यह क्रमशः 30 और 44 मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज किया गया। सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा असगरपुर निकास बिंदु का है, जहां BOD का स्तर 85 मिलीग्राम प्रति लीटर और अमोनिया का स्तर 56.1 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच जाता है।

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अमोनिया की बढ़ती मात्रा चिंता का विषय

विशेषज्ञों के अनुसार, BOD का उच्च स्तर पानी की गुणवत्ता को खराब करता है और इसे जलीय जीवन के लिए अनुपयोगी बना देता है। अमोनिया की बढ़ती मात्रा जल प्रदूषण के लिए गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि यह पानी को विषैला बना देती है।

यह आंकड़े दिल्ली सरकार की जल शुद्धिकरण व्यवस्था की विफलता को दर्शाते हैं। यमुना को साफ करने के लिए कई योजनाएं चलाई गईं, लेकिन नदी की स्थिति बदतर होती जा रही है। पर्यावरणविदों का कहना है कि अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यमुना दिल्ली में सिर्फ एक गंदे नाले के रूप में ही रह जाएगी।