सार

ईसाई धर्म के सबसे बड़े गुरु पोप फ्रांसिस ने दावा किया है कि चर्च की नन और पादरी भी पोर्न देखते हैं। ये दावा उन्होंने सोमवार को रोमन कैथोलिक चर्च के एक कार्यक्रम में धार्मिक नेताओं को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि आम लोगों की तरह ही पादरी और नन भी ऑनलाइन पोर्नोग्राफी देखते हैं।

वेटिकन सिटी। ईसाई धर्म के सबसे बड़े गुरु पोप फ्रांसिस ने दावा किया है कि चर्च की नन और फादर भी पोर्न देखते हैं। ये दावा उन्होंने सोमवार को रोमन कैथोलिक चर्च के एक कार्यक्रम में धार्मिक नेताओं को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि आम लोगों की तरह ही ईसाई धर्मगुरू और नन भी ऑनलाइन पोर्नोग्राफी देखते हैं। ये एक ऐसी बुराई है जो बहुत लोगों के पास है, जिनमें आम लोगों के साथ ही कई प्रीस्ट (पादरी) और नन भी शामिल हैं। पोप ने आगे कहा कि आम आदमी इसी तरह एक शैतान में बदल जाता है। 

चर्च का कामकाज सीख रहे पादरियों से पोप ने कही ये बात : 
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पोप फ्रांसिस ने आगे कहा- मैं सिर्फ क्रिमिनल पोर्नोग्राफी के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, जिसमें बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। ये तो पहले से ही गलत है, लेकिन नॉर्मल पोर्नोग्राफी को सामान्य समझा जाता है। पोप ने चर्च का कामकाज सीख रहे पादरियों से कहा कि आप लोगों को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा- डिजिटल पोर्नोग्राफी एक ऐसी चीज है, जिसे आप सभी जानते हैं। हमारा साफ मन, जो हर दिन यीशु को आत्मसात करता है, वो इस तरह की अश्लील चीजों को कैसे देख सकता है। अगर ये आपके मोबाइल में है तो इसे हटा दें।

मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर दी ये सलाह : 
इसी दौरान चर्च के एक स्टूडेंट ने जब पोप फ्रांसिस से पूछा- क्या भक्तों को मोबाइल जैसी मॉर्डर्न तकनीक वाली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए? इस पर पोप फ्रांसिस ने कहा कि मोबाइल का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन केवल बातचीत करने और मदद मांगने के लिए ही यह ठीक है। 

वेटिकन ने यौन शोषण के आरोपी बिशप पर लगाया बैन : 
बता दें कि वेटिकन सिटी ने पिछले महीने ही यौन शोषण के आरोपों के बाद बीते दो सालें में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता बिशप कार्लोस जिमिनीस पर कई प्रतिबंध लगाए थे। बिशप जिमिनीस 1990 के दशक में पूर्वी तिमोर में लड़कों का यौन शोषण करने के आरोपों से घिरे हुए हैं। वेटिकन ने कहा था कि यौन शोषण से जुड़े मामलों को देखने वाले ऑफिस को 2019 में बिशप जिमिनीस के व्यवहार को लेकर कई शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 

कौन हैं पोप फ्रांसिस?
बता दें कि पोप फ्रांसिस अर्जेंटीना के रहने वाले हैं। उनका पूरा नाम जॉर्ज मारियो बार्गोग्लियो है। वे कैथोलिक समुदाय के 266वें पोप चुने बने हैं। पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफा देने के बाद 2003 में ये नए पोप बने। पोप को उनके विनम्र व्यवहार के लिए जाना जाता है। वो पारंपरिक पोप निवास की बजाए शहर के अपार्टमेंट में रहना पसंद करते हैं। पोप के पास एक अरब से ज्यादा कैथोलिकों का नियंत्रण होता है। पोप चुनते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि यह सर्वोच्च पद केवल अच्छे और धार्मिक लोगों को ही मिले। 

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