सार

चीन की डीपसीक लैब ने कम लागत में एक शक्तिशाली AI मॉडल बनाया है, जिसने अब अमरिका की चिंता बढ़ा दी है। यह ऐप iPhone स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया है। 

चीन ने एक बार फिर अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। चीन की डीपसीक लैब ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में ऐसा धमाका किया है जो अमेरिका के बड़े-बड़े कंपनियों को टक्कर दे रही है। इस लैब ने एक ऐसा AI मॉडल विकसित किया है, जो अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियों को सीधी टक्कर दे रहा है।

iPhone स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया ऐप

27 जनवरी को शेयर बाजार में उथल-पुथल मच गई जब डीपसीक का AI असिस्टेंट एपल के iPhone स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला फ्री ऐप बन गया। दुनिया भर के लोग इसे देखने और आजमाने के लिए उत्साहित हैं, क्योंकि यह चैटजीपीटी के लिए एक बड़ा कांपीटीटर बन गया है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों पहले माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी एआई से जुड़ी दूसरी टेक कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दिखाई दी।

सिर्फ इतनी लागत में बनी है ये AI

इस एआई के बारे में खास बात ये है कि यह अमेरिकी मॉडल अमेरिकी एआई मॉडल्स की तरह ही काम करता है। इसे बनाने में बेहद कम लागत आई है। डीपसीक कंपनी का दावा है कि उन्होंने इस मॉडल को बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। हालांकि टेक विशेषज्ञों के लिए इस बात पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि इतने कम खर्च में एआई मॉडल बनाना असंभव है। OpenAI ने कुछ अन्य टेक कंपनियों के साथ मिलकर अमेरिका में 500 बिलियन डॉलर के निवेश से AI इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का वादा किया था।

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शेयर मार्केट में मची खलबली

अमेरिका ने NVIDIA के सबसे एडवांस AI चिप्स बेचने से इनकार कर दिया था। अमेरिका ने चीन की AI पर लगाम लगाने की कोशिश की लेकिन चीनी AI डेवलपर्स ने हार नहीं मानी। उन्होंने नई तकनीकों और जुगाड़ टेक्नोलॉजी के जरिए AI विकास के नए रास्ते खोज लिए। अब ऐसे AI मॉडल विकसित किए जा रहे हैं, जो पहले की तुलना में काफी कम कंप्यूटिंग पावर लगती है। DeepSeek-R1 इस महीने की शुरुआत में लॉन्च हुआ। कंपनी का दावा है कि यह मैथ्स, कोडिंग और नेचुरल लैंग्वेज रीजनिंग में यह openai के नए मॉडल को टक्कर देता है।

डीपसीक के आने के बाद अमेरिका को बहुत बड़ा झटका लगा है। क्योंकि उन्हें शायज उम्मीद भी नहीं थी कि इतने कम समय में चीन इतनी जल्दी टेक्नॉलॉजी बना लेगा। डीपसीक ने अभी से यूरोप और अमेरिका के शेयर मार्केट में खलबली मचा दी है।