Swedish climate activist Greta Thunberg Gaza aid ship controversy: इज़राइली सेना ने Gaza जा रही ब्रिटिश जहाज Madleen को इंटरसेप्ट किया। Humanitarian mission पर निकले जहाज को Greta ने बताया 'International Waters में Kidnapped'।

Greta Thunberg Gaza aid ship controversy: स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में हैं लेकिन इस बार वजह पर्यावरण या जलवायु को लेकर नहीं बल्कि गाजा में मानवीय सहायता मिशन के लिए हैं। सोमवार सुबह इज़राइली नेवी ने उस जहाज को इंटरसेप्ट कर लिया जिस पर ग्रेटा समेत 13 अन्य कार्यकर्ता सवार थे। यह जहाज गाजा पट्टी में मानवीय राहत सामग्री पहुंचा रहा था।

MEP रीमा हसन भी थीं साथ, बेबी फॉर्मूला और दवाइयां ले जा रहे थे

ब्रिटिश झंडे वाले याट 'Madleen' को Pro-Palestinian Freedom Flotilla Coalition (FFC) संचालित कर रही थी। जहाज पर मौजूद सहायता सामग्री में बेबी फार्मूला, चावल और मेडिकल सप्लाई शामिल थीं। इस मिशन में फ्रांस की यूरोपीय सांसद (MEP) रीमा हसन (Rima Hassan) भी ग्रेटा के साथ शामिल थीं।

ग्रेटा का आरोप: इंटरनेशनल वाटर में अपहरण

ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि यह घटना 9 जून को मिस्र के तट से लगभग 20 नॉटिकल मील दूर अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में हुई जहां इज़राइली बलों ने उनके जहाज को किडनैप कर लिया। हालांकि, इज़राइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इंटरसेप्शन कानूनी और आवश्यक था। सभी कार्यकर्ताओं को सैंडविच और पानी दिया गया और जहाज को इज़राइली बंदरगाह पर ले जाया गया।

ग्रेटा थनबर्ग कौन हैं?

3 जनवरी 2003 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में जन्मी ग्रेटा थनबर्ग ने महज 15 साल की उम्र में 'Fridays for Future' आंदोलन शुरू कर वैश्विक पहचान बनाई। पर्यावरण को लेकर उनकी चिंता तब शुरू हुई जब उन्होंने 8 साल की उम्र में जलवायु परिवर्तन के बारे में पहली बार सुना।

कई मानसिक चुनौतियों के बावजूद बनीं आवाज़

11 साल की उम्र में ग्रेटा डिप्रेशन, इटिंग डिसार्डर और सेलेक्टिव म्यूटिज्म जैसी मानसिक समस्याओं से गुज़रीं और बाद में उन्हें Asperger’s syndrome और OCD का निदान हुआ। बावजूद इसके उन्होंने पर्यावरण के लिए दुनिया की सबसे सशक्त आवाज़ों में खुद को शामिल किया।

संयुक्त राष्ट्र, TIME और मलाला से मुलाकात

2019 में उन्होंने United Nations Climate Action Summit में एक ऐतिहासिक भाषण दिया जिसमें उन्होंने वर्ल्ड लीडर्स को फटकार लगाई। उसी साल वे TIME Person of the Year बनीं। 2020 में वे World Economic Forum, Davos में शामिल हुईं और Malala Yousafzai से मुलाकात की।

डॉक्यूमेंट्री, किताब और जीव-जंतुओं के नाम भी जुड़ चुके हैं

उनकी ज़िंदगी पर बनी डॉक्यूमेंट्री "I Am Greta" ने भी वैश्विक ध्यान खींचा। 2022 में उन्होंने "The Climate Book" नामक पुस्तक भी प्रकाशित की, जिसमें सैकड़ों जलवायु एक्सपर्ट्स के लेख शामिल हैं। उनके नाम पर कई जीव-जंतु जैसे Craspedotropis gretathunbergae (snail), Pristimantis gretathunbergae (frog) और Nelloptodes gretae (beetle) का नाम रखा गया है।

दुनिया के नेताओं से दो-टूक कहने वाली अब मानवीय मिशन पर

2021 में Youth4Climate Summit Milan में उन्होंने उस समय के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन खुलेआम जलवायु क्राइसिस पर झूठे वादों के लिए लताड़ा था। अब जब उन्होंने गाजा के लिए इंसानी मदद लेकर जाने की कोशिश की तो एक नया सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या अब Activism को भी 'Interception' कहा जाएगा?