सार

मुस्लिम आबादी पर प्रभाव रखने वाली मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईसा का भारत दौरा संपन्न हुआ। भारत और सऊदी अरब के बीच स्थापित संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू ,पीएम मोदी से मुलाकात की।

 

दिल्ली. विश्वभर में मुसलमानों पर खासा प्रभाव रखने वाले मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईसा का भारत दौरा रविवार को संपन्न हुआ। अल-ईसा के दौरे के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच राजनायिक संबंधों को मजबूत करने के अलावा कई मुद्दों पर चर्चा हुई। अपनी छह दिवसीय यात्रा पर उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और महिला एंव बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात की। शीर्ष नेताओं के साथ हुई चर्चा को उन्होंने सार्थक करार दिया।

गौरतलब है, अपने छह दिवसीय दौरे पर उनकी खास मुलाकात देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल संग हुई। दोनों ने विगत 11 जुलाई को नई दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर और खुसरो फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में मंच साझा किया। इस दौरान दिए गए भाषण में मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव अल-ईसा ने कहा कि यह कार्यक्रम समाज के सभी वर्गों को संबोधित करने का अवसर है। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए लोकतंत्र और उसके संविधान की महानता के बारे में बात की। साथ ही कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो कई विविधाताओं को अपने अंदर समाहित किए हुए है। उन्होंने इस बारे में भी बात की कि कैसे उदारवादी मूल्य और लोगों के बीच बेहतर समझ, सभ्यताओं को टकराव से बचने में मदद कर सकती हैं, जो मुख्य रूप से धार्मिक या सांस्कृतिक संघर्षों से उत्पन्न होती हैं।

भारत ने मानवीय मूल्यों को बरकरार रखा- डोभाल

वहीं साझा मंच से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए पीएम मोदी के उस वाक्य को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा कि ये युग युद्ध का नहीं रहा। डोभाल ने कहा कि अब हमें मानवता की भलाई के लिए एक साथ आना होगा। आज विश्व में भू राजनीतिक चुनौतियों के साथ धर्म को मानवता के लिए शांति और सद्भाव के क्षेत्र में कार्य करना होगा। अतीज डोभाल ने आगे कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा। आंतक के खिलाफ युद्ध में गंभींर उकसावों के बाद भी भारत ने मानवीय मूल्यों और अधिकारों की सुरक्षा को बरकरार रखा है। वहीं उन्होंने कहा- देश में धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम महत्वपूर्ण गौरव का स्थान रखता है। भारत सभी मसलों के हल के लिए सहनशीलता, बातचीत और सहयोग को बढ़ावा देता है।

इससे इतर शुक्रवार को जामा मस्जिद में अल-ईसा ने नमाज का नेतृ्त्व किया। इस दौरान उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्होने अक्षरधाम मंदिर की भी यात्रा की। इसके अलावा, प्रतिष्ठित थिंक टैंक विवेकानंद फाउंडेशन के मुख्यालय में विभिन्न नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत की। गौरतलब है, अल-ईसा ऐसे वक्त पर भारत दौरे पर आए जब देश में समान नागरिक संहिता कानून पर बहस जारी है। एक बड़ा तबका इसके पक्ष में है तो दूसरा बड़ा तबका इसका विरोध कर रहा है। ऐसे में उनका ये दौरा कई मायनों में खास है। अल-ईसा ने मुस्लिम समाज में सुधार को लेकर बहुत काम किया है और उन्हें मुस्लिम देशों और समाज में आधुनिक सोच फैलानी वाली शख्सियत के तौर पर जाना जाता है।