सार
अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया। इस कार्यक्रम पर भारत ही नहीं दुनियाभर की नजर रही। यही वजह है कि यह इवेंट वर्ल्ड मीडिया की सुर्खियों में भी रहा। खाड़ी देशों के प्रमुख अखबार अलजजीरा ने राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर लिखा, भारत की सेक्युलर विचारधारा से समझौता कर शिलान्यास किया गया।
नई दिल्ली. अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया। इस कार्यक्रम पर भारत ही नहीं दुनियाभर की नजर रही। यही वजह है कि यह इवेंट वर्ल्ड मीडिया की सुर्खियों में भी रहा। खाड़ी देशों के प्रमुख अखबार अलजजीरा ने राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर लिखा, भारत की सेक्युलर विचारधारा से समझौता कर शिलान्यास किया गया। वहीं, पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने लिखा, राम मंदिर का शिलान्यास भारत में बदल रहे संविधान का शिलान्यास है।
अलजजीरा- मस्जिद की जगह बनाया जा रहा मंदिर
खाड़ी देशों के प्रमुख अखबार अलजजीरा ने लिखा, अयोध्या में मस्जिद की जगह मंदिर बनाया जा रहा है। भारत की सेक्युलर विचारधारा से समझौता है। भारत की सत्ताधारी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा ने 1980 के दशक में मंदिर आंदोलन शुरू किया था। 1992 में हिंदू कट्टरपंथियों ने मस्जिद गिरा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 के अपने फैसले में हिंदुओं को मस्जिद की जगह दे दी। इस फैसले की आलोचना हुई। सबसे बड़ी बात ये है कि अभी बाबरी मस्जिद मामले में सुनवाई भी पूरी नहीं हुई, इसके बावजूद मंदिर की नींव रख दी गई।
द गार्जियन- 3 महीने पहले बनी दिवाली
ब्रिटेन के अखबार द गार्जियन ने लिखा, अयोध्या में तीन महीने पहले ही दिवाली आ गई है। शहर में राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है। दशकों से यह भारतीय इतिहास का सबसे भावनात्मक और विवादित मुद्दा रहा है। अखबार ने लिखा, भगवान राम हिंदुओं में सबसे अधिक पूजनीय है। इसलिए ये क्षण हिंदुओं के लिए गर्व भरा है। वहीं, भारतीय मुसलमानों को 400 साल पुरानी मस्जिद जाने का दुख है। इसके अलावा मुस्लिमों ने मंदिर को मौन सहमति दी है।
डॉन- शिलान्यास की जगह 500 सालों से मस्जिद थी
पाकिस्तानी अखबार और वेबसाइट द डॉन ने लिखा. बाबरी मस्जिद वाली जगह पर हिंदू मंदिर का शिलान्यास किया गया। यहां करीब 500 सालों से बाबरी मस्जिद थी। मोदी के आलोचकों का कहना है कि यह सेक्युलर भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने की ओर कदम है। भारत के सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के पूर्व अध्यक्ष प्रताप भानु मेहता के हवाले से डॉन ने लिखा - राम मंदिर का शिलान्यास एक तरह से अलग प्रकार के भारतीय संविधान का शिलान्यास है।
सीएनएन- कोरोना के बावजूद हुआ शिलान्यास
अमेरिकी मीडिया वेबसाइट CNN ने लिखा, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुओं के पवित्र स्थान पर राम मंदिर का भूमि पूजन किया। इस जगह को लेकर सालों से हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच विवाद रहा है। हालांकि, यह भूमि पूजन ऐसे समय पर हुआ, जब भारत में पिछले 5 दिन से हर रोज 50 हजार से ज्यादा कोरोना के केस मिल रहे हैं। संक्रमण के मामले में भारत तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह और पुजारी समेत चार सिक्योरिटी गार्ड संक्रमित हैं।
दुनिया के सबसे भव्य मंदिरों में से एक होगा राम मंदिर : एबीसी न्यूज
एबीसी न्यूज ने लिखा कि अयोध्या में हुए भूमिपूजन से हिंदू खुश हैं। देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते भीड़ नहीं जुटने दी। प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन किया। यहां पहले कथित तौर पर मस्जिद थी। एबीसी न्यूज ने लिखा कि - राम मंदिर के निर्माण में तीन से साढ़े तीन साल लगेंगे। यह दुनिया के सबसे भव्य मंदिरों में से एक होगा।
1992 में गिराई गई थी मस्जिद: बीबीसी
बीबीसी ने भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद का भी जिक्र किया। लिखा- प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर का भूमि पूजन किया। 1992 तक यहां मस्जिद थी। जिसे भीड़ ने गिरा दिया था। दावा किया जाता है कि यहां मस्जिद से पहले मंदिर था। इसलिए दोनों समुदाय इस जगह पर दावा करते रहे। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया। मुस्लिमों को मस्जिद के लिए अलग जगह दी गई है।