दिन भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) को लॉन्च किया जाना था, उसी दिन इसरो प्रमुख एस सोमनाथ को पता चला था कि उन्हें कैंसर हो गया है।
आदित्य एल 1 के हेलो ऑर्बिट में पहुंचने पर इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने कहा कि हम बहुत खुश हैं। हमें यकीन था कि सफलता मिलेगी।
भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल वन (ISRO Aditya-L1) अपनी कक्षा में पहुंच गया है। इसके साथ ही भारत सफल सौर मिशन चलाने वाले चंद देशों में से एक बन गया है। अमेरिका, जापान, यूरोप और चीन पहले से सूर्य का अध्ययन कर रहे हैं।
आदित्य एल 1 ने 2 सितंबर 2023 को अपनी यात्रा शुरू की थी। इसे इसरो ने अपने रॉकेट PSLV-C57 से लॉन्च किया था। इसरो की योजना के अनुसार यह पांच साल तक सूर्य का अध्ययन करेगा।
इसरो और भारत नया कीर्तिमान रच दिया है। भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 अपनी कक्षा मे सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है पीएम मोदी ने इस कामयाबी पर शुभकामनाएं दी हैं।
भारत के पहले सोलर मिशन ने 6 जनवरी को सबसे बड़ी कामयाबी हासिल कर ली। आदित्य एल1 सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में दाखिल हो गया है। यह सूर्य से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा।
इसरो के मिशन आदित्य एल-1 को बड़ी कामयाबी मिली है। सूर्य के अध्ययन के लिए भेजे गए भारत के इस टेलीस्कोप ने पहली तस्वीरें ली हैं। सूर्य के वायुमंडल को विस्तार से देखने के लिए ग्यारह अलग-अलग फिल्टर का इस्तेमाल किया गया।
इसरो के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1) के सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड ने काम शुरू कर दिया है। यह सूर्य से आने वाली हवा का अध्ययन कर रहा है।
सूर्य के अध्ययन के लिए इसरो द्वारा भेजे गए अंतरिक्ष यान Aditya-L1 ने 9.2 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर ली है। इसे 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित एल-1 प्वाइंट पर जाना है।
आदित्य-एल1 (Aditya-L1) ने सेल्फी ली है। इसरो ने इसका वीडियो जारी किया है। वीडियो में धरती और चांद को एक साथ देखा जा सकता है।