सार

आदित्य एल 1 के हेलो ऑर्बिट में पहुंचने पर इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने कहा कि हम बहुत खुश हैं। हमें यकीन था कि सफलता मिलेगी।

बेंगलुरु। भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल 1 अपनी मंजिल पर पहुंच गया है। इसे लैग्रेंज प्वाइंट एल वन के हेलो ऑर्बिट में स्थापित कर दिया है। इस सफलता पर इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि हमें यकीन था कि सफलता मिलेगी। इससे हम बहुत खुश हैं।

सोमनाथ ने कहा, "हमारे लिए यह बहुत संतोष की बात है। यह एक लंबी यात्रा का अंत है। इस यात्रा में लिफ्ट ऑफ (आदित्य एल 1 को लॉन्च किया जाना) से अब तक 126 दिन लगे हैं। यह अब फाइनल प्वाइंट पर पहुंच गया है। फाइनल प्वाइंट तक पहुंचना हमेशा एक चिंताजनक क्षण होता है, लेकिन हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त थे। जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ। हम बहुत खुश हैं।"

कुछ घंटों तक आदित्य एल वन पर रखी जाएगी नजर

इसरो प्रमुख ने कहा, "आज आदित्य एल वन को सटीक ढंग से हेलो ऑर्बिट में पहुंचाया गया है। यह ऊंची कक्षा की ओर बढ़ रहा था। रास्ते में थोड़े सुधार के बाद यह सही जगह पहुंच गया है। हम कुछ घंटों तक इसपर बारीकी से नजर रखेंगे। अगर यह अपनी जगह से खिसकता है तो थोड़ा बहुत सुधार करना होगा। हमें उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा। तस्वीरें पहले ही वेबसाइट पर डाल दी गई हैं।"

उन्होंने कहा, "सूर्य से आने वाले कणों की जानकारी जुटाने के लिए हमारे पास कण माप हैं। सूर्य से आने वाली लो और हाई एनर्जी मापने के लिए हमारे पास एक्स-रे माप हैं। हमारे पास एक मैग्नेटोमीटर है, इससे अंतरिक्ष चुंबकत्व क्षेत्र की जानकारी मिलती है।"

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विदेश मंत्री जयशंकर बोले- यह गर्व का क्षण

इसरो के सौर मिशन आदित्य-एल1 को हेलो ऑर्बिट में स्थापित किए जाने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। मैंने कई वर्षों तक अंतरिक्ष कार्यक्रम देखा है। मैं अंतरिक्ष आयोग का सदस्य रहा हूं। यह चंद्रयान कार्यक्रम की तरह हमारे लिए गर्व का बहुत बड़ा क्षण है।"

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