Bhishm Dwadashi 2024: भीष्म पितामाह महाभारत के प्रमुख पात्र थे। ग्रंथों के अनुसार, युद्ध समाप्त होने के बाद माघ मास में इन्होंने अपने प्राणों का त्याग किया था। इस तिथि पर भीष्म पितामाह के लिए तर्पण-पिंडदान आदि किया जाता है।
Bhishm Dwadashi 2023: माघ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भीष्म द्वादशी कहते हैं। इस दिन भीष्म पितामाह के निमित्त तर्पण व पिंडदान आदि किया जाता है। इस बार यह तिथि 2 फरवरी, गुरुवार को है।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भीष्म द्वादशी (Bhishm Dwadashi 2022) का व्रत किया जाता है। इसे तिल द्वादशी (Til Dwadashi 2022) भी कहते हैं। इस बार यह व्रत 13 फरवरी, रविवार को है।