हास्यस्पद बात तब हुई थी जब शाह ने कहा कि, जब बजाज एक खुले मंच पर उनके सामने बेबाकी से अपने विचारों रख सकते हैं तो इसे पता चलता है कि भय का कोई माहौल नहीं है फिर बजाज ने अपनी सीट से इस पर ताली बजाई!