आरबीआई (RBI) वर्किंग बॉडी की सिफारिशों में डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (Digital Lending Apps) को एक नोडल एजेंसी द्वारा वेरिफिकेशन प्रोसेस के अधीन करना शामिल है, जिसे स्टेक होल्डर्स के परामर्श से स्थापित किया जाना है और डिजिटल लेंडिंग इकोसिस्टम में पार्टिसिपेंट्स को कवर करने वाले एक सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन की स्थापना करना शामिल है।