18 फरवरी, शुक्रवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि है। शुक्रवार को सूर्योदय पूर्वा फाल्गनी नक्षत्र में होगा, जो शाम लगभग 5.15 तक रहेगा। इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शुक्रवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग इस दिन बन रहे हैं।
वर्तमान में दुनिया भर में भविष्य जानने की कई विधाएं प्रचलित हैं जैसे जन्म कुंडली, टैरो कार्ड, रमल ज्योतिष, कृष्ण पद्धति मूर्ति आदि। ऐसी ही एक विधा है अंक ज्योतिष जिसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।
इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वस्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम के अनुसार, टैरो कार्ड्स के ऊपर अंक, रंग, संकेत समेत कई रहस्यमय चिह्न बने होते हैं जो व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देते हैं।
मई 2022 का तीसरा सप्ताह 16 मई से शुरू होगा जो 22 मई तक रहेगा। सप्ताह के पहले ही दिन यानी 16 मई को वैशाखी व बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन चंद्रग्रहण भी होगा, लेकिन ये भारत में दिखाई नहीं देगा।
इंदौर की फेमस एस्ट्रोलॉजर, वास्तु एंड टैरो कार्ड एक्सपर्ट भूमिका कलम के अनुसार, टैरो कार्ड ताश के पत्तों का एक सेट है, जिसमें 78 कार्ड होते हैं। यह कार्ड आपके भूत भविष्य और वर्तमान को बताने की क्षमता रखते हैं।
फरवरी माह के तीसरे सप्ताह (14 से 20 फरवरी) में कई व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें सोम प्रदोष, माघी पूर्णिमा, और गणेश चतुर्थी आदि प्रमुख हैं। इस सप्ताह में माघ मास का समापन होगा और फाल्गुन मास का आरंभ होगा। फाल्गुन हिंदू वर्ष का अंतिम महीना है।
अंक ज्योतिष के द्वारा कई तरह के रहस्यों का भेद आसानी से जाना जा सकता है। इसमें भविष्य जानने का सबसे आसान तरीका जन्म तिथि का विश्लेषण करना है।
आज (20 जून, सोमवार) आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.40 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
टैरो (Tarot), कार्डों की रहस्यमयी दुनिया और भविष्य आंकलन की सर्वप्रिय विधा है। इस शब्द की उत्पत्ति भी रहस्यमय है। टैरो सिर्फ शब्द नहीं, भविष्य और जीवन है। टैरो डेक में कुल 78 कार्ड होते हैं, जिन्हें मेजर आर्काना तथा माइनर आर्काना में विभक्त किया गया है।
9 फरवरी, बुधवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। सूर्योदय कृत्तिका नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 1.51 तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। मंगलवार को पहले कृत्तिका नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग इस दिन बन रहे हैं।