शनिदेव से जुड़े कई प्रसंग पुराणों में प्राप्त होते हैं। शनिदेव को सूर्य पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। लेकिन साथ ही पितृ शत्रु भी। शनि ग्रह के सम्बन्ध में अनेक भ्रान्तियां हैं और इसलिये उसे मारक, अशुभ और दुःख कारक माना जाता है। पाश्चात्य ज्योतिषी भी उसे दुःख देने वाला मानते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव (Shanidev) को क्रूर ग्रह माना गया है। क्रूर ग्रह होने के कारण ज्यादातर लोगों का मनाना है कि इनका प्रभाव नकारात्मक होता है। शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह है। धीमी चाल के कारण इनका प्रभाव काफी लंबे समय समय तक रहता है। लेकिन शनि देव हमेशा अशुभ फल ही देते हैं ऐसा नहीं होता है। जिन लोगों की कुंडली में शनिदेव (Shanidev) शुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें शुभ फल भी प्रदान करते हैं।
Shani Pradosh 2022: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महीने में कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। ऐसा ही एक व्रत है प्रदोष। ये व्रत प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। विभिन्न वारों के साथ मिलकर ये अलग-अलग योग बनाता है।
Shani Amavasya 2022: इस बार 27 अगस्त को भाद्रपद मास की अमावस्या है। इस दिन शनिवार होने से ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिन लोगों पर शनि की ढय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव हो, उनके लिए ये तिथि बहुत ही खास रहती है।
आज (30 मई, सोमवार) ज्येष्ठ मास की अमावस्या है। इस दिन शनि जयंती (Shani Jayanti 2022 Upay) का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन प्रमुख शनि मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।