जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘कोविड-19 (कोरोना वायरस), जो कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिये एक वैश्विक आपातकाल है, के कारण चीन में आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं और इसके कारण वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में सुधार की राह में जोखिम उत्पन्न हो सकता है।’’
पीपीपी के मामले में भी भारत की जीडीपी 10.51 ट्रिलियन डॉलर है, जो जापान और जर्मनी से भी ज्यादा है। हालांकि पिछले तीन वर्षों से भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ में लगातार गिरावट दर्ज हुई है जो 7.5 प्रतिशत से घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है।
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। 2.94 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ भारत ने साल 2019 में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के शोध संस्थान वर्ल्ड पॉपुलेशन रीव्यू ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था के संकट में होने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए लोकसभा में मंगलवार को कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए स्पष्ट कदमों के कारण अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है और आर्थिक क्षेत्र में शुरुआती उछाल दिखाई दे रहा है ।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को मोदी सरकार पर अर्थव्यवस्था के खराब प्रबंधन का आरोप लगाते हुये तीखा हमला बोला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि सरकार की तीन बड़ी गलतियों नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और बैंकिंग क्षेत्र पर दबाव की वजह से आज अर्थव्यवस्था नियंत्रण से बाहर हो गई है और नीचे आ रही है।
भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है
बजट 2020-21 से पहले शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 का आर्थिक सर्वे पेश किया। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार किया। सर्वे में 10 नई बातों को लिखा गया है, जिससे बाजार और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
वर्ष 2019 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं रहा। भारतीय बाजारों में बहुत ज्यादा ध्रुवीकरण देखा गया। हालांकि, 2020 में कुछ नई स्थितियां दिखाई पड़ रही हैं। इस साल खपत के बजाय बुनियादी ढांचे में विकास संभव है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आम बजट पेश किए जाने से कुछ दिन पहले, बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बारे में अनभिज्ञ हैं कि आर्थिक विकास को गति देने के लिए आगे क्या करना है