बरेली में ससुर ने कोर्ट से दामाद को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाने की मांग कर दी है।उसका कहना है कि दामाद उसके परिवार के खून का प्यासा है।वह छूट गया तो उसके परिवार को नहीं छोडे़गा।
महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। मामला तूल पकड़ने के बाद देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा था। उधर, बांबे हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच का आदेश दिया था।
ओडिशा सरकार द्वारा होमगार्डों को 9 हजार रुपए प्रति महीने सैलरी देने को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शोषण कहा है। कोर्ट ने कहा कि कैसे इतने कम पैसे में किसी जवान का गुजारा होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में अपने फैसले पर पुनर्विचार का निर्देश दिया है।
बाबू खान नाम के व्यक्ति की अग्रिम जमानत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की। जमानत मंजूर करते हुए अजीत सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता की प्रतिष्ठा बर्बाद करने के लिए ये झूठा आरोप लगाया गया।
ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। इससे पहले सोमवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर गहमागहमी देखी गई। इसी के साथ फास्टट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई मामले में 8 जुलाई की अगली तारीख दी गई।
ज्ञानवापी से जुड़े एक मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। इसमें मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और पूजा के अधिकार की मांग की गई थी। इसको लेकर सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक में सुनवाई हुई। इस मामले में 4 बजे फैसला आ सकता है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह अधिनियम कई कारणों से 'शून्य और असंवैधानिक' है और यह हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों और सिखों के पूजा स्थलों और तीर्थस्थलों के प्रबंधन, रखरखाव और प्रशासन के अधिकारों का उल्लंघन करता है।
सिंगापुर (Singapore) की शीर्ष अदालत ने भारतीय मूल के दो लोगों को ड्रग्स तस्करी मामले में बरी कर दिया है। इनमें से एक को मौत और दूसरे को उम्रकैद तथा 15 बेंत मारने की सजा मिली थी।
शीर्ष न्यायालय ने रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी के हिस्सों को गिराने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही समाजवादी पार्टी विधायक आजम खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा।
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय( Supreme Court) को बताया है कि राज्यों से मिले डेटा के अनुसार, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के परामर्श से विकसित E-shram पोर्टल पर लगभग 27.45 करोड़ असंगठित मजदूरों या प्रवासी कामगारों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है।